अल्फ्रेड हिचकॉक: सस्पेंस का वो उस्ताद जिसने डर को सरप्राइज नहीं इंतज़ार बना दिया, पढ़ें उस शक्स की कहानी
सस्पेंस का मतलब सिर्फ ‘कातिल कौन’ नहीं, बल्कि ‘डर कब आएगा और कैसे आएगा’, ये दर्शकों को पहले से बता देना– यही अल्फ्रेड हिचकॉक की कला थी। “Father of Suspense” कहे जाने वाले इस फिल्मकार ने न सिर्फ थ्रिलर फिल्मों को नई परिभाषा दी, बल्कि दर्शकों के मन में छुपे डर और असुरक्षा को कैमरे के ज़रिए उभारा। उनका सिनेमा एक मास्टरक्लास है, जहां डर सिर्फ देखने की चीज़ नहीं, बल्कि महसूस करने की प्रक्रिया है।