अल्फ्रेड हिचकॉक: सस्पेंस का वो उस्ताद जिसने डर को सरप्राइज नहीं इंतज़ार बना दिया, पढ़ें उस शक्स की कहानी

सस्पेंस का मतलब सिर्फ ‘कातिल कौन’ नहीं, बल्कि ‘डर कब आएगा और कैसे आएगा’, ये दर्शकों को पहले से बता देना– यही अल्फ्रेड हिचकॉक की कला थी। “Father of Suspense” कहे जाने वाले इस फिल्मकार ने न सिर्फ थ्रिलर फिल्मों को नई परिभाषा दी, बल्कि दर्शकों के मन में छुपे डर और असुरक्षा को कैमरे के ज़रिए उभारा। उनका सिनेमा एक मास्टरक्लास है, जहां डर सिर्फ देखने की चीज़ नहीं, बल्कि महसूस करने की प्रक्रिया है।

Post Published By: Asmita Patel
Updated : 13 August 2025, 11:21 AM IST
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New Delhi: हिचकॉक की 'Bomb Theory' के अनुसार, अगर चार लोग टेबल पर बैठे हों और अचानक बम फट जाए, तो वह सरप्राइज है। लेकिन अगर दर्शकों को पहले ही मालूम हो कि उस टेबल के नीचे बम रखा है तो हर सेकंड उनके दिल की धड़कन बढ़ती जाती है। यही है असली सस्पेंस। 1962 में दिए गए अपने इस इंटरव्यू से हिचकॉक ने सस्पेंस को परिभाषित कर दिया था- थ्रिलर वही है, जिसमें दर्शकों को पात्रों से ज़्यादा जानकारी हो।

लंदन की गलियों से हॉलीवुड तक का सफर

1899 में लंदन में जन्मे हिचकॉक ने करियर की शुरुआत एक इंजीनियरिंग कंपनी में की थी। लेकिन किस्मत उन्हें 1920 में शोबिज में ले आई। टाइटल कार्ड डिजाइनर से असिस्टेंट डायरेक्टर और फिर डायरेक्टर बने हिचकॉक ने 1925 में अपनी पहली साइलेंट फिल्म The Pleasure Garden बनाई। तब से लेकर 1980 तक, उन्होंने 50 से अधिक फिल्मों में वह सस्पेंस और थ्रिल पैदा किया, जो आज भी फिल्ममेकर्स के लिए एक उदाहरण है।

कैसे और कब होगा... यही रहस्य है

हिचकॉक की फिल्मों का मूल मंत्र था- डर का मज़ा उसके इंतज़ार में है, ना कि उसके घटने में। वह मानते थे कि सस्पेंस तभी असरदार होता है जब दर्शक जानते हैं कि कुछ गलत होने वाला है- पर न वक्त तय होता है, न तरीका। उनकी कहानियों में डर एक मनोवैज्ञानिक तत्व था, ना कि केवल ब्लड और हॉरर का नतीजा।

जब लीड कैरेक्टर की मौत ने इतिहास रच दिया

1960 में आई Psycho में हिचकॉक ने मिड-फिल्म में ही लीड एक्ट्रेस जैनेट को मार डाला। यह फैसला सिनेमा की दुनिया में क्रांतिकारी था। इस ‘शावर सीन’ में कोई हिंसा नहीं दिखाई गई- सिर्फ चीखें, पानी की आवाज़ और तनावपूर्ण म्यूज़िक ने दृश्य को थ्रिलिंग बना दिया। यह दिखाता है कि डर को महसूस कराया जा सकता है, ज़रूरी नहीं कि उसे दिखाया ही जाए।

जब पूरी फिल्म एक खिड़की से दिखाई गई

Rear Window एक फोटोग्राफर की कहानी है, जो व्हीलचेयर पर बैठकर सामने वाले फ्लैट्स को बाइनोकुलर से देखता है। एक दिन वह देखता है कि पड़ोसी ने अपनी पत्नी का कत्ल कर दिया। यहां हिचकॉक ने दर्शकों को भी उस फोटोग्राफर की नजरों तक सीमित कर दिया। उन्होंने दर्शकों को कातिल का गवाह बना दिया- बिना किसी क्लोजअप, बिना शोरगुल के।

जब कहानी को आगे बढ़ाने वाला एलिमेंट मायने नहीं रखता

हिचकॉक ने सिनेमा को MacGuffin नाम की तकनीक दी। ऐसा प्लॉट डिवाइस जो शुरू में अहम लगता है लेकिन असल कहानी पर उसका असर नहीं होता। जैसे Psycho में जैनेट द्वारा चुराया गया पैसा, जो बाद में कहानी में गौण हो जाता है। या Rear Window का बाइनोकुलर- बस कहानी को बढ़ाने का जरिया।

जुनून, भ्रम और आइडेंटिटी क्राइसिस की थ्रिलर

Vertigo को हिचकॉक की सबसे जटिल और गहरी फिल्म माना जाता है। यह फिल्म सस्पेंस से ज्यादा एक इंसान के भ्रम, अपराधबोध और जुनून को एक्सप्लोर करती है। यहां सस्पेंस किसी मर्डर का नहीं, बल्कि एक मन की उलझनों का है। यही वजह है कि यह फिल्म आज भी फिल्म स्टडीज़ में साइकोलॉजिकल सिनेमा का बेहतरीन उदाहरण मानी जाती है।

हिचकॉक और उनका कैमियो

हिचकॉक अपनी हर फिल्म में कुछ सेकेंड्स के लिए नजर आते थे- कभी बस से उतरते, कभी अखबार पढ़ते। दरअसल, एक बार कैमियो करने वाला शख्स सेट पर नहीं आया, तो उन्होंने खुद वो रोल किया। यह इतना पॉपुलर हुआ कि लोग फिल्म में हिचकॉक को ढूंढने लगे। फिल्में शुरू होते ही थ्रिल बढ़ जाता- अब हिचकॉक कहां दिखेंगे!

डर और अकेलेपन का असर

हिचकॉक ने खुद स्वीकार किया है कि उनका बचपन सख्त और एकाकी था। कैथोलिक परिवेश, पनिशमेंट और समाज से डर उनके भीतर गहराई तक बैठा था। इसी डर और गिल्ट को उन्होंने अपनी फिल्मों में मनोवैज्ञानिक एलिमेंट के रूप में पेश किया। उनके किरदार अक्सर अकेलेपन, डर और नैतिक दुविधा से जूझते हैं।

सिनेमा पर हिचकॉक की अमिट छाप

मार्टिन स्कॉर्सेज, क्रिस्टोफर नोलन, स्टीवन स्पीलबर्ग, डेविड फिंचर और अनुराग कश्यप जैसे फिल्मकारों पर हिचकॉक का गहरा असर है। उनकी फिल्में केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि फिल्म निर्माण की एक पाठशाला हैं। Jaws, Shutter Island, Memento, Gone Girl जैसी फिल्में हिचकॉक के सिनेमा की छाया को आज भी आगे बढ़ा रही हैं।

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  • New Delhi

Published : 
  • 13 August 2025, 11:21 AM IST