चोटिल अक्षर की जगह अश्विन के सेलेक्शन से खुश नहीं युवराज, कहा-इस खिलाड़ी को मिलना चाहिए था मौका

डीएन ब्यूरो

विश्व कप 2011 के नायक रहे युवराज सिंह का मानना है कि भारतीय टीम बेहतरीन खिलाड़ियों से भरी हुई है लेकिन घरेलू टीम के लाइन अप में चोटिल अक्षर पटेल की जगह कलाई के स्पिनर युजवेंद्र चहल या वाशिंगटन सुंदर को शामिल किया जाना चाहिए था। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

विश्व कप 2011 के नायक रहे युवराज सिंह
विश्व कप 2011 के नायक रहे युवराज सिंह


नयी दिल्ली: विश्व कप 2011 के नायक रहे युवराज सिंह का मानना है कि भारतीय टीम बेहतरीन खिलाड़ियों से भरी हुई है लेकिन घरेलू टीम के लाइन अप में चोटिल अक्षर पटेल की जगह कलाई के स्पिनर युजवेंद्र चहल या वाशिंगटन सुंदर को शामिल किया जाना चाहिए था।

चोट के कारण आल राउंडर अक्षर विश्व कप में नहीं खेल पायेंगे जिससे टीम प्रबंधन ने उनकी जगह सीनियर ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन को शामिल किया है।

अश्विन को आस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे श्रृंखला के लिए टीम में शामिल किया गया था और अंत में उन्हें अंतिम 15 खिलाड़ियों की टीम में चुना गया जबकि चहल और वाशिंगटन ऐसा करने से चूक गये।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार युवराज ने  कहा, ‘‘मुझे व्यक्तिगत रूप से लगता है कि इस टीम में युजवेंद्र चहल की कमी है। मुझे लगता है कि इस टीम में एक लेग स्पिनर की कमी है। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘अगर हम युजी को नहीं चुन रहे हैं तो मैं वाशिंगटन सुंदर को टीम में देखने का इच्छुक था। लेकिन टीम शायद एक अनुभवी गेंदबाज चाहती थी इसलिये मुझे लगता है कि उन्होंने आर अश्विन को चुना। ’’

इस पूर्व भारतीय बल्लेबाज को लगता है कि विश्व कप में जसप्रीत बुमराह के प्रदर्शन का भारत के अभियान पर काफी असर पड़ेगा।

भारत के महान वनडे खिलाड़ियों में शुमार युवराज ने ‘विक्स’ द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम के इतर कहा, ‘‘जसप्रीत एक मैच विजेता हैं, जैसा जाक (जहीर खान) ने हमारे लिए 2011 में किया था। जसप्रीत को उनका कौशल और रफ्तार खतरनाक बनाती है। वह टीम के काफी अहम खिलाड़ी हैं। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘चोट से इतने लंबे समय बाद वापसी करना काफी बड़ी चीज है। ऐसे गेंदबाज के होने से टीम का मनोबल बढ़ा रहता है क्योंकि वे किसी भी हालत से मैच जीत सकते हैं। ’’

युवराज 2011 विश्व कप के दौरान ‘प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट’ रहे थे, उन्होंने कहा, ‘‘बुमराह पिछले दो वर्षों में काफी परिपक्व हुए हैं, उन्होंने भारत की कप्तानी की और वह एक ‘स्मार्ट’ गेंदबाज बन गये हैं। रोहित (शर्मा) जानते हैं कि उनका इस्तेमाल किस तरह किया जाये, विशेषकर इसलिये क्योंकि वह मुंबई इंडियंस में बुमराह के कप्तान रहे हैं। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘बुमराह के साथ यह फायदा है कि वह अपनी रफ्तार से शुरु में विकेट झटक सकता है लेकिन जब वह रन देने लगता है तो उसका कौशल उसके काम आता है। ऐसे भी दिन होंगे जब आप 300 या 350 से ज्यादा रन का स्कोर बनाने के बाद भी जीत जाओ, लेकिन 250 रन और 260 रन के करीब स्कोर का बचाव करने के लिए आपको बुमराह जैसे गेंदबाज की जरूरत होती है। ’’










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