योगी के आदेशों का IAS अफसरों पर नहीं है कोई असर

सत्ता संभालने के बाद योगी सरकार ने सरकारी अफसरों से उनकी सम्पत्ति का ब्यौरा मांगा था। लेकिन कुछ अफसरों ने लापरवाही करते हुए अभी तक अपनी सम्पत्ति का ब्यौरा राज्य सरकार को नहीं दिया है।

Updated : 26 April 2017, 2:10 PM IST
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लखनऊ: सरकार की छवि साफ-सुथरी बनाने की कोशिश में लगे सीएम योगी आदित्यनाथ के आदेशों की अनदेखी उन्हीं के अफसर खुलेआम करते नजर आ रहे हैं। सत्ता में आते ही योगी सरकार ने अपने अफसरों को अपनी चल-अचल संपत्ति का ब्यौरा देने को कहा था। इसे घोषित करने के लिए सरकार ने 15 दिन का मौका भी दिया था लेकिन कुछ अफसरों को शायद यह बात समझ नहीं आई और अभी तक सरकार को 120 अफसरों ने अपनी सम्पत्ति का ब्यौरा नहीं दिया है।एक तरफ अंतिम तिथि समाप्त हो चुकी है लेकिन 120 अफसरों ने अपनी सम्पत्ति का ब्यौरा सरकार को नहीं दिया। मुख्य सचिव ने 3 मई तक इस मामले में सभी विभागों के प्रमुख सचिवों से ब्यौरा मांगा है। 

120 आइएएस अफसरों द्वारा अपनी चल संपत्ति न बताने के चलते मुख्य सचिव राहुल भटनागर ने दोबारा एक नोटिस जारी करते हुए आइएएस अफसरों से नाराजगी जताई थी। उन्होंने 25 अप्रैल से पहले हर हाल में चल संपत्ति का विवरण उपलब्ध कराने को कहा था। इसके बाद भी ब्यौरा नहीं मिला।

अब मुख्य सचिव ने तीन मई को सभी प्रमुख सचिवों की एक बैठक बुलाई है। माना जा रहा है कि अफसरों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। ऐसे लोगों की वार्षिक प्रविष्टि रोकी जा सकती है। इससे उनका इंक्रीमेंट और प्रमोशन भी प्रभावित हो सकता है।

गौरतलब है कि नियुक्ति और कार्मिक विभाग ने 21 अप्रैल तक चल संपत्ति का ब्यौरा उपलब्ध न कराने वाले 140 अफसरों का नाम भी जारी किया था। इनमें से महज 20 अफसरों ने ही इस दौरान अपनी संपत्ति का ब्योरा दिया।

Published : 
  • 26 April 2017, 2:10 PM IST

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