World Cup: कोच जोनाथन ट्रॉट ने कहा, राशिद को गेंदबाजी आक्रमण में देरी में कोई भूमिका नहीं

डीएन ब्यूरो

भारत के खिलाफ एकदिवसीय विश्व कप के मैच में राशिद खान को गेंदबाजी आक्रमण में देरी से लाने पर अफगानिस्तान की आलोचना हो रही है लेकिन टीम के कोच जोनाथन ट्रॉट ने कहा कि इस फैसले में उनकी कोई भूमिका नहीं है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

अफगानिस्तान  टीम के कोच जोनाथन ट्रॉट
अफगानिस्तान टीम के कोच जोनाथन ट्रॉट


नयी दिल्ली: भारत के खिलाफ एकदिवसीय विश्व कप के मैच में राशिद खान को गेंदबाजी आक्रमण में देरी से लाने पर अफगानिस्तान की आलोचना हो रही है लेकिन टीम के कोच जोनाथन ट्रॉट ने कहा कि इस फैसले में उनकी कोई भूमिका नहीं है।

भारत ने जीत के लिए मिले 273 रन के लक्ष्य का पीछा आक्रामक अंदाज में किया, जिसमें कप्तान रोहित शर्मा (84 गेंद में 131 रन) ने ताबड़तोड़ बल्लेबाजी की। भारतीय टीम ने 15 ओवर शेष रहते मैच आठ विकेट से जीत लिया।

अफगानिस्तान के कप्तान हशमतुल्लाह शाहिदी ने 15वें ओवर में जब राशिद को गेंद थमाई तब तक भारतीय टीम ने बिना किसी नुकसान के 125 रन बनाकर मैच पर दबदबा कायम कर लिया था।

राशिद ने अपने पारी के 19वें और अपने तीसरे ओवर में ईशान किशन (47) को आउट कर अफगानिस्तान को पहली सफलता दिलायी। उन्होंने पारी के 26 वें ओवर में रोहित को बोल्ड किया लेकिन तब तक मैच अफगानिस्तान के हाथ से लगभग निकल चुका था।

वह आठ ओवर में 57 रन पर दो सफलता के साथ अपनी टीम की ओर से विकेट चटकाने वाले इकलौते गेंदबाज बने।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार ट्रॉट ने मैच के बाद कहा, ‘‘ मैंने उसे नहीं रोक रखा था। मुझे लगता है कि ऐसी परिस्थिति में जितना जल्दी संभव था उतना जल्दी उसका इस्तेमाल करना चाहिए था।’’

इंग्लैंड के इस पूर्व बल्लेबाज ने कहा, ‘‘ मुझे लगता है कि यह कप्तान (शाहिदी) का विशेषाधिकार है। उन्होंने सोचा होगा कि गेंद थोड़ी पुरानी होने के बाद राशिद को अधिक घुमाव मिलेगा। आप निश्चित रूप से राशिद जैसे खिलाड़ी का मैच में जल्दी इस्तेमाल करना चाहेंगे। यह कुछ ऐसा है जिस पर हमें गौर करना होगा।’’

ट्रॉट ने कहा कि इस पिच पर पहले बल्लेबाजी करते हुए उनकी टीम को 350 रन के करीब रन बनाने चाहिए थे लेकिन आखिरी ओवरों में उनकी टीम तेजी से रन नहीं बना सकी।

उन्होंने कहा, ‘‘ हमने 20वें से 40वें ओवर के बीच लगभग 125 रन बनाये लेकिन आखिरी 10 ओवरों में रन गति तेज नहीं कर सके। शुरुआती 20 ओवर में हम महज 80 (83) रन ही बना सके थे, यह काफी नहीं था। जब गेंद नयी और ठोस थी तब हमें और अधिक रन बनाने चाहिए थे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘बांग्लादेश के मुकाबले इस मैच में बल्ले से हमारा प्रदर्शन अच्छा था। मुझे उम्मीद है कि अगले मैच में इंग्लैंड के खिलाफ हम और बेहतर करेंगे।’’

अफगानिस्तान की मौजूदा राजनीतिक स्थिति और हाल ही में देश में भीषण भूकंप के बीच खिलाड़ियों की मानसिक स्थिति के बारे में पूछे जाने पर ट्रॉट ने कहा कि वह राजनीतिक मामलों पर बात नहीं करना चाहेंगे लेकिन भूकंप के कारण खिलाड़ी मानसिक रूप से परेशान है।

उन्होंने कहा, ‘‘ मैं कोई राजनेता नहीं हूं इसलिए मैं राजनीतिक पर टिप्पणी नहीं कर सकता। मैं हालांकि निश्चित रूप से उस प्राकृतिक आपदा के बारे में जानता हूं। हर कोई उससे प्रभावित लोगों के प्रति संवेदना रखता है। टीम के खिलाड़ी अपने देशवासियों और महिलाओं तथा बच्चों के लिए परेशान है और उनकी सहायता के लिए धन जुटाने के लिए वे हर संभव प्रयास कर रहे हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ हमारे खिलाड़ियों के लिए यह मुश्किल समय है लेकिन वे जानते है कि यहां उनका प्रदर्शन देश के लिए खुशी लाएगा। वे चाहते हैं कि उनके देश को उन पर गर्व हो। भारत के खिलाफ हार के बाद वे थोड़े निराश हैं लेकिन उन्हें यह भी याद रखना होगा कि इस विश्व कप में टीम के सात और मैच बाकी हैं। उनके पास अच्छा प्रदर्शन करके अफगानिस्तान में सभी को गौरवान्वित करने के लिए बहुत सारे मौके हैं।’’










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