चंद्रपुर में ‘सेल’ इकाई के श्रमिक अपनी मांगों को लेकर बॉयलर टॉवर पर चढ़े

डीएन ब्यूरो

सार्वजनिक क्षेत्र की इस्पात कंपनी स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) की इकाई चंद्रपुर फेरो अलॉय प्लांट (सीएफपी) के छह संविदा श्रमिक कारखाने के परिसर में बॉयलर टॉवर पर चढ़ गए और आरोप लगाया कि कंपनी श्रम आयुक्त द्वारा उनके पक्ष में दिये गए आदेश को लागू नहीं कर रही है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

चंद्रपुर में ‘सेल’ इकाई के श्रमिक अपनी मांगों को लेकर बॉयलर टॉवर पर चढ़े
चंद्रपुर में ‘सेल’ इकाई के श्रमिक अपनी मांगों को लेकर बॉयलर टॉवर पर चढ़े


चंद्रपुर: सार्वजनिक क्षेत्र की इस्पात कंपनी स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) की इकाई चंद्रपुर फेरो अलॉय प्लांट (सीएफपी) के छह संविदा श्रमिक शनिवार दोपहर कारखाने के परिसर में बॉयलर टॉवर पर चढ़ गए और आरोप लगाया कि कंपनी श्रम आयुक्त द्वारा उनके पक्ष में दिये गए आदेश को लागू नहीं कर रही है।

ये श्रमिक नौ घंटे से अधिक समय बाद नीचे उतरे, जब उन्हें उनकी मांग पर चर्चा करने का आश्वासन दिया गया।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार टावर पर चढ़ने वालों में सीएफपी कामगार यूनियन के कार्यकारी अध्यक्ष सूर्यकांत चांदेकर भी शामिल थे।

उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि कम से कम 91 संविदा श्रमिक स्थायी कर्मचारियों के बराबर 'एस-1' का दर्जा मांग रहे हैं क्योंकि वे 20 साल से अधिक समय से स्थायी कर्मचारियों जैसा काम कर रहे हैं।

चांदेकर के अनुसार, बम्बई उच्च न्यायालय की नागपुर पीठ ने हाल ही में उप मुख्य श्रम आयुक्त, नागपुर को मामले पर नए सिरे से विचार करने का निर्देश दिया। चांदेकर के अनुसार, आयुक्त ने 10 नवंबर को एक आदेश पारित करके सीएफपी प्रबंधन को उन्हें एस-1 दर्जा देने के लिए कहा, लेकिन सीएफपी ने आदेश को लागू नहीं किया।

सीएफपी के कार्यकारी निदेशक के राम कृष्णा ने शाम को कहा था कि कंपनी के अधिकारी मुद्दे को सुलझाने के लिए प्रदर्शनकारी श्रमिकों से संपर्क स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं।

चांदेकर ने कहा कि वह और अन्य पांच कर्मचारी रात 10 बजे के आसपास नीचे उतरे। उन्होंने बताया कि वे स्थानीय सरकारी अधिकारियों से यह आश्वासन मिलने के बाद नीचे उतरे कि उनके मुद्दों के समाधान के लिए श्रमिकों और प्रबंधन की एक बैठक आयोजित की जाएगी।










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