महिला आरक्षण विधेयक: कांग्रेस ने चुनावी जुमला दीया करार, महिलाओं के साथ हुआ धोखा

डीएन ब्यूरो

कांग्रेस ने मंगलवार को लोकसभा में पेश महिला आरक्षण से संबंधित विधेयक को ‘चुनावी जुमला’ करार देते हुए कहा कि महिलाओं के साथ धोखा हुआ है क्योंकि विधेयक में कहा गया है कि ताजा जनगणना और परिसीमन के बाद यह 2029 से लागू होगा। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

पार्टी महासचिव जयराम रमेश
पार्टी महासचिव जयराम रमेश


नयी दिल्ली: कांग्रेस ने मंगलवार को लोकसभा में पेश महिला आरक्षण से संबंधित विधेयक को ‘चुनावी जुमला’ करार देते हुए कहा कि महिलाओं के साथ धोखा हुआ है क्योंकि विधेयक में कहा गया है कि ताजा जनगणना और परिसीमन के बाद यह 2029 से लागू होगा।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह दावा भी किया कि सरकार का यह कदम ‘ईवीएम (इवेंट मैनेजमेंट)’ है।

उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार 2021 की जनगणना कराने में विफल रही है।

यह भी पढ़ें | महिला आरक्षण विधेयक को लेकर कांग्रेस बोली- स्थिति स्पष्ट करे सरकार, जानिये पूरा अपडेट

सरकार ने संसद के निचले सदन, राज्य विधानसभाओं और दिल्ली विधानसभा में महिलाओं को एक तिहाई आरक्षण प्रदान करने से संबंधित ऐतिहासिक ‘नारीशक्ति वंदन विधेयक’ को मंगलवार को लोकसभा में पेश किया।

रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘ चुनावी जुमलों के इस मौसम में यह सभी जुमलों में सबसे बड़ा है! करोड़ों भारतीय महिलाओं और युवतियों की उम्मीदों के साथ बहुत बड़ा धोखा है। जैसा कि हमने पहले बताया था, मोदी सरकार ने अभी तक 2021 की दशकीय जनगणना नहीं कराई है, जिससे भारत जी20 में एकमात्र देश बन गया है जो जनगणना कराने में विफल रहा है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘अब इसमें कहा गया है कि महिला आरक्षण विधेयक के अधिनियम बनने के बाद पहली दशकीय जनगणना के पश्चात ही महिलाओं के लिए आरक्षण लागू होगा।

यह भी पढ़ें | महिला आरक्षण विधेयक राज्यसभा में पेश, नारी शक्ति वंदन से नए संसद में रचेगा इतिहास

रमेश ने सवाल किया कि यह जनगणना कब होगी?’’

उनके मुताबिक, ‘‘विधेयक में यह भी कहा गया है कि आरक्षण अगली जनगणना के प्रकाशन और उसके बाद परिसीमन प्रक्रिया के बाद ही प्रभावी होगा। क्या 2024 चुनाव से पहले होगी जनगणना और परिसीमन?’’

कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया, ‘‘मूल रूप से यह विधेयक अपने कार्यान्वयन की तारीख के बहुत अस्पष्ट वादे के साथ आज सुर्खियों में है। यह कुछ और नहीं बल्कि ईवीएम-इवेंट मैनेजमेंट है।










संबंधित समाचार