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महिला उद्यमी ने कीवी से बनाई खास शराब और अपनी खास पहचान, पढ़ें सफलता की अनोखी कहानी

अरुणाचल प्रदेश की एक महिला ने कीवी फल से बनने वाली अपनी खास शराब 'नारा आबा' से मदिरा जगत की दुनिया में हलचल मचा दी है। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर
Post Published By: डीएन ब्यूरो
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महिला उद्यमी ने कीवी से बनाई खास शराब और अपनी खास पहचान, पढ़ें सफलता की अनोखी कहानी

जीरो (अरुणाचल प्रदेश): अरुणाचल प्रदेश की एक महिला ने कीवी फल से बनने वाली अपनी खास शराब 'नारा आबा' से मदिरा जगत की दुनिया में हलचल मचा दी है।

एक कृषि इंजीनियर से उद्यमी बनीं तागे रीता ने वर्ष 2017 में निचले सुबनसिरी जिले की सुरम्य जीरो घाटी के हांग गांव में अपनी शराब बनाने वाली जगह (वाइनरी) स्थापित की थी।

तब से, रीता और उनकी टीम ने 'नारा आबा' के जरिए दूर-दूर से शराब प्रेमियों का ध्यान खींचा है।

रीता ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘ नारा आबा की यात्रा क्षेत्र में बहुतायत में उगाए जाने वाले कम उपयोग वाले कीवी फलों के लिए बाजार तक संपर्क बनाने के उद्देश्य से शुरू हुई। कीवी की खेती करने वाले किसान अपनी उपज का उचित बाजार मूल्य प्राप्त करने में असफल हो रहे थे। ’’

रीता ने कहा कि जैविक कीवी की मांग को पुनर्जीवित करना क्षेत्र में कीवी की खेती करने वाले किसानों को स्थायी आजीविका प्रदान करने के लिए उनके द्वारा हासिल किए गए पहले मील के पत्थर में से एक था।

रीता के लिए शुरुआती दिन काफी कठिन थे क्योंकि उसने एक निर्मम पहाड़ी इलाके में कीवी से शराब बनाने के लिए अपना मिशन शुरू किया, उन्हें परिवहन संबंधी बाधाओं का सामना करना पड़ा और शराब के लिए एक घटक के रूप में फल की विशाल क्षमता के बारे में स्थानीय लोगों की अज्ञानता जैसी समस्या से भी निपटना पड़ा।

उन्होंने कहा, ‘‘ नारा आबा शराब बनाने में इस्तेमाल की जाने वाली प्रत्येक सामग्री जैविक और प्रमाणित है। इस शराब में फल में मौजूद सभी विटामिन और खनिज होते हैं।’’

कई चरणों में शराब का उत्पादन स्थानीय रूप से उगाए जाने वाले कीवी फल के उत्पादन के मौसम के साथ जुड़ा हुआ है।

चार महीने की शराब बनाने की प्रक्रिया श्रमिकों द्वारा फलों को एकत्र करने से शुरू होती है, इसके बाद इनकी सफाई, छंटाई और ग्रेडिंग होती है।

संयंत्र में मानदंडों का परीक्षण करने के लिए एक छोटी प्रयोगशाला है जिसके आधार पर चीनी और खमीर जैसे अवयवों को सही मात्रा में मिलाया जाता है।

रीता फल के पोषण मूल्य को बनाए रखते हुए स्वाद को यथासंभव प्राकृतिक रखने के बारे में अडिग हैं, जिससे उनकी शराब एल्कोहलयुक्त पेय पदार्थों के बीच एक स्वस्थ विकल्प बन जाती है और जागरूक लोगों के लिए एक अच्छी पसंद है।

शार्क टैंक इंडिया सीजन-2 में आने वालीं रीता पूर्वोत्तर की पहली उद्यमी थीं, जिसे इस साल 13 मार्च को सोनी लिव चैनल पर प्रसारित किया गया था।

शराब फैक्टरी ने अपनी उत्पादन क्षमता वर्ष 2017 के 20,000 लीटर से बढ़ाकर वर्तमान में 16 टैंकों के माध्यम से 60,000 लीटर कर ली है। इससे कीवी की खेती करने वाले किसानों को भी लाभ मिला है और शराब उत्पादन के पहले वर्ष में 300 किसानों ने शराब फैक्टरी को लगभग 20 मीट्रिक टन कीवी बेची थी।

शराब फैक्टरी में करीब 20 नियमित और 100 अनुबंधित कर्मचारी कार्यरत हैं।

वाइनरी ने केंद्रीय व्यापार और उद्योग मंत्रालय के तहत कृषि उत्पादन निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीईडीए) से निर्यात करने का लाइसेंस भी प्राप्त किया है।

उद्यमशीलता के प्रयासों के साथ अपने समुदाय का समर्थन करने के प्रति रीता के समर्पण के लिए उन्हें 2018 में संयुक्त राष्ट्र और नीति आयोग के सहयोग से 'वीमेन ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया' पुरस्कार प्रदान किया गया।

रीता को केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा 2021 में ‘नारी शक्ति’ पुरस्कार दिया गया और राज्य महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा उन्हें ‘महिला अचीवर्स पुरस्कार’ 2021-22 से सम्मानित किया गया।

भाषा रवि कांत संतोष

संतोष

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