West Bengal: जहां हुई TMC कार्यकर्ता की गोली मारकर हत्या, वहां पहुंचे राज्यपाल बोस, जानिये ये अपडेट

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस सोमवार को सुबह उत्तरी जिलों के अपने दौरे से लौट आए और दक्षिण 24 परगना के बसंती इलाके में पहुंचे, जहां तृणमूल कांग्रेस के एक कार्यकर्ता की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 3 July 2023, 12:30 PM IST
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कोलकाता: पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस सोमवार को सुबह उत्तरी जिलों के अपने दौरे से लौट आए और दक्षिण 24 परगना के बसंती इलाके में पहुंचे, जहां तृणमूल कांग्रेस के एक कार्यकर्ता की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार अधिकारी ने  बताया कि बोस ने बसंती ब्लॉक के फुलमलांचा इलाके का दौरा किया जहां वह मारे गए तृणमूल कार्यकर्ता के शोक संतप्त परिवार से मिलेंगे और स्थिति का जायजा लेंगे।

उन्होंने कहा कि राज्यपाल ने रविवार रात ट्रेन से अपनी यात्रा के दौरान, मारे गए तृणमूल कार्यकर्ता के परिवार के सदस्यों से बात की थी।

अधिकारी ने बताया कि बोस की कोलकाता वापसी के लिए विमान के बजाय ट्रेन का चयन इसलिए किया गया ताकि लोगों के साथ वह आसानी से संपर्क कर सकें क्योंकि विमान से यात्रा के दौरान उनका मोबाइल फोन बंद रहता।

उन्होंने कहा, ‘‘राज्यपाल लोगों से अलग-थलग नहीं रहना चाहते हैं और इसीलिए उन्होंने अपनी हवाई यात्रा रद्द करने और ट्रेन में कोलकाता जाने का फैसला किया ताकि लोग उन्हें फोन कर सकें और अपनी शिकायतें बता सकें।’’

एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि तृणमूल कार्यकर्ता की पहचान 52 वर्षीय जियारुल मोल्ला के रूप में की गई, जिसकी शनिवार देर रात गोली मारकर हत्या कर दी गई। तब वह कैनिंग शहर से घर लौट रहे थे।

मृतक की बेटी मनवारा ने आरोप लगाया है कि उनके पिता को प्रतिद्वंद्वी गुट से जान से मारने की धमकी मिल रही थी। मनवारा कटहलबेरिया ग्राम पंचायत से तृणमूल कांग्रेस की उम्मीदवार हैं।

राज्यपाल ने इससे पहले कूच बिहार जिले के दिनहाटा और दक्षिण 24 परगना के कैनिंग और भांगर में चुनावी हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा किया था।

राज्य में आठ जुलाई को जिला परिषदों, पंचायत समितियों और ग्राम पंचायतों की लगभग 74,000 सीटों के लिए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव होंगे। इन चुनावों में लगभग 5.67 करोड़ लोग अपने मताधिकार का उपयोग कर सकेंगे।

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