नेताजी के जीवन-कृत्यों पर पांच राज्यों और अंडमान में हफ्तेभर लंबे कार्यक्रम आयोजित होंगे

डीएन ब्यूरो

केंद्रीय गृह मंत्रालय नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जीवन और स्वतंत्रता संग्राम में उनके योगदान पर पांच राज्यों और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में सप्ताह भर चलने वाले कार्यक्रमों का आयोजन कर रहा है। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (फाइल फोटो)
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (फाइल फोटो)


नयी दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्रालय नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जीवन और स्वतंत्रता संग्राम में उनके योगदान पर पांच राज्यों और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में सप्ताह भर चलने वाले कार्यक्रमों का आयोजन कर रहा है।

अंडमान और निकोबार में 23 जनवरी को इसके समापन कार्यक्रम में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह हिस्सा लेंगे। एक सरकारी बयान में बताया गया है कि भारत की स्वतंत्रता के 75 साल पूरे होने का जश्न मनाने के लिए 17 से 23 जनवरी तक 'आजादी का अमृत महोत्सव आइकोनिक इवेंट्स वीक' आयोजित किया जाएगा।

गृह मंत्री 23 जनवरी को पोर्ट ब्लेयर में होने वाले भव्य समापन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि होंगे। बोस का जन्म 23 जनवरी 1897 को हुआ था।

ये कार्यक्रम केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों और केंद्रीय पुलिस संगठनों, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह प्रशासन और मणिपुर, नगालैंड, गुजरात, ओडिशा और पश्चिम बंगाल की राज्य सरकारों के सहयोग से उन स्थानों पर आयोजित किए जा रहे हैं जो नेताजी के जीवन और कार्य से संबंधित हैं।

ये कार्यक्रम 17 जनवरी को मणिपुर के मन्त्रीपुखरी, कीथलमनबी, कांगवई, मोइरांग और नंबोल में, 18 जनवरी को नगालैंड के रुजाजो व चेसेजु गांवों और कोहिमा में, 19 जनवरी को गुजरात के हरिपुरा, बारडोली और सूरत में, ओडिशा के कटक में 20 जनवरी को और पश्चिम बंगाल के कोलकाता में 21 जनवरी को आयोजित किए जाएंगे।

बयान के मुताबिक, इन स्थानों पर भारत के स्वतंत्रता संग्राम में नेताजी के अपार योगदान से संबंधित गतिविधियों की एक श्रृंखला पूरे सप्ताह आयोजित करने की योजना बनाई गई है।

जनभागीदारी की भावना के तहत, सभी आयोजनों में बड़े पैमाने पर लोगों की भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए कार्यक्रम तैयार किए गए हैं, ताकि लोग देश के राष्ट्रीय नायकों से प्रेरणा ले सकें और उन महान आदर्शों को आगे बढ़ा सकें, जिनके लिए वे खड़े थे।

पोर्ट ब्लेयर में एक भव्य कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा, जहां नेताजी ने 31 दिसंबर 1943 को पहली बार भारत की धरती पर तिरंगा फहराया था। यह बात भारत को आजादी मिलने से कई साल पहले की है। भारत 15 अगस्त 1947 को आजाद हुआ था।










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