सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर वन विभाग के मुखिया बने विनोद कुमार, जानें पूरा मामला

डीएन ब्यूरो

लगभग एक पखवाड़े पहले उत्तराखंड उच्च न्यायालय के आदेश के बाद राजीव भरतरी को प्रदेश के वन विभाग के प्रमुख (हेड ऑफ फॉरेस्ट फोर्स यानी हॉफ) का कार्यभार सौंपने वाले विनोद कुमार उच्चतम न्यायालय के आदेश पर बुधवार को एक बार फिर इस पद पर आसीन हो गए। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

फाइल फोटो
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देहरादून: लगभग एक पखवाड़े पहले उत्तराखंड उच्च न्यायालय के आदेश के बाद राजीव भरतरी को प्रदेश के वन विभाग के प्रमुख (हेड ऑफ फॉरेस्ट फोर्स यानी हॉफ) का कार्यभार सौंपने वाले विनोद कुमार उच्चतम न्यायालय के आदेश पर बुधवार को एक बार फिर इस पद पर आसीन हो गए।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, विनोद कुमार ने देहरादून में वन मुख्यालय में अपना कार्यभार संभाला। उच्चतम न्यायालय के सोमवार के आदेश का हवाला देते हुए प्रदेश के वन सचिव विजय कुमार यादव ने उनसे हॉफ का पद ग्रहण करने के लिए कहा था।

उच्चतम न्यायालय ने कुमार की विशेष अनुज्ञा याचिका पर सुनवाई करते हुए 17 अप्रैल को भारतीय वन सेवा के वरिष्ठ अधिकारी भरतरी को हॉफ के पद पर बहाल करने के राज्य सरकार को दिए उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगा दी थी।

तीन अप्रैल को दिए आदेश में उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को भरतरी को अगले दिन सुबह 10 बजे तक हॉफ के पद पर बहाल करने का आदेश दिया था, जिसके बाद उन्होंने चार अप्रैल को कार्यभार ग्रहण किया था।

कॉर्बेट पार्क के बफर क्षेत्र में पाखरो और मोरघट्टी वन प्रभागों में बड़े पैमाने पर वृक्षों के अवैध कटान तथा अवैध निर्माण के आरोपों के बाद वन विभाग में हुई जबरदस्त फेरबदल के दौरान नवंबर 2021 में भरतरी को हॉफ के पद से हटाकर उत्तराखंड वन्यजीव बोर्ड का प्रमुख बना दिया गया था।

राज्य सरकार के इस आदेश को भरतरी ने केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (कैट) और उत्तराखंड उच्च न्यायालय में इस आधार पर चुनौती दी थी कि उन्हें हटाए जाने के पीछे ‘राजनीतिक’ कारण थे।

कैट और उच्च न्यायालय, दोनों ने भरतरी के पक्ष में निर्णय सुनाते हुए उन्हें हॉफ के पद पर बहाल करने के आदेश दिए थे।

रोचक तथ्य यह है कि हॉफ के पद को लेकर उठा-पटक में शामिल भरतरी और कुमार इसी महीने की 30 तारीख को सेवानिवृत्त हो रहे हैं।










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