Uttar Pradesh: निलंबित कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष और भाजपा सांसद को जान से मारने की धमकी, प्राथमिकी दर्ज

खेल मंत्रालय द्वारा अगले आदेश तक निलंबित भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष संजय सिंह बबलू और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद बृजभूषण शरण सिंह को फोन पर किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा जान से मारने की धमकी दिये जाने का मामला सामने आया है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 14 January 2024, 3:02 PM IST
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वाराणसी:  खेल मंत्रालय द्वारा अगले आदेश तक निलंबित भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष संजय सिंह बबलू और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद बृजभूषण शरण सिंह को फोन पर किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा जान से मारने की धमकी दिये जाने का मामला सामने आया है। 

पुलिस ने बताया कि संजय सिंह की शिकायत पर भेलूपुर थाने में अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार भेलूपुर थाना के प्रभारी निरीक्षक (एसएचओ) विजय कुमार शुक्ला ने बताया कि संजय सिंह ने अपनी शिकायत में कहा कि 12 जनवरी की रात एक अज्ञात नंबर से उनके मोबाइल पर दो बार कॉल आई, लेकिन उन्होंने कॉल का जवाब नहीं दिया।

शुक्ला ने शिकायत के हवाले से बताया, ‘‘13 जनवरी को उसी नंबर से फिर कॉल आई तो मैंने (संजय सिंह बबलू) तीसरी बार में कॉल उठा लिया। कॉल करने वाले ने मुझे और कैसरगंज के भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह अपशब्द कहते हुये जान से मारने की धमकी दी, जिसके बाद मैंने फोन काट दिया। लेकिन उसी नंबर से लगातार फोन आते रहे। मेरा परिवार इससे सहमा हुआ है। ’’

थाना प्रभारी ने बताया कि शिकायत पर अज्ञात के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 504 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान करना) और 507 (अज्ञात व्यक्ति द्वारा आपराधिक धमकी देना) के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।

खेल मंत्रालय ने पिछले वर्ष 24 दिसंबर को भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) को अगले आदेश तक निलंबित कर दिया था क्योंकि नवनिर्वाचित कार्यकारिणी ने उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया और पहलवानों को तैयारी के लिए पर्याप्त समय दिए बिना अंडर-15 और अंडर-20 राष्ट्रीय चैंपियनशिप के आयोजन की ‘जल्दबाजी में घोषणा’ की थी।

मंत्रालय ने कहा था कि नयी कार्यकारिणी ‘‘पूरी तरह से पूर्व पदाधिकारियों के नियंत्रण’’ में काम कर रही थी जो राष्ट्रीय खेल संहिता के अनुरूप नहीं है।

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