उत्तर प्रदेश सरकार ने आपदाओं से निपटने के लिए तीन नये एसडीआरएफ का किया गठन

डीएन ब्यूरो

उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेशवासियों को आपदा (बाढ़, सूखा, भूकंप, आकाशीय बिजली) के दौरान जल्द से जल्द राहत पहुंचाने एवं जनहानि को रोकने के लिए तीन नये राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) का गठन किया गया है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

आपदाओं से निपटने के लिए तीन नये एसडीआरएफ का किया गठन
आपदाओं से निपटने के लिए तीन नये एसडीआरएफ का किया गठन


लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेशवासियों को आपदा (बाढ़, सूखा, भूकंप, आकाशीय बिजली) के दौरान जल्द से जल्द राहत पहुंचाने एवं जनहानि को रोकने के लिए तीन नये राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) का गठन किया गया है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार अधिकारी ने बताया कि इसके अलावा 11 आपदाओं को राज्य आपदाओं की सूची में शामिल किया गया है, जिनमें नौका दुर्घटना, सर्पदंश, सीवर सफाई, गैस रिसाव, बोरवेल में गिरना, मानव वन्य जीव द्वन्द, नदी में डूबना शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में आपदाओं से बचाव व आम लोगों को जागरूक करने के लिए ग्राम स्तर पर राहत चौपाल का आयोजन किया जा रहा है।

राहत आयुक्त जी.एस. नवीन ने शनिवार को एक बयान में बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेशवासियों को बाढ़, अचानक आई बाढ़, मच्छर जनित बीमारियों, औद्योगिक दुर्घटनाओं, भूकंप, नाभिकीय खतरों समेत किसी भी प्रकार की आपदा से निपटने के लिए आपदा प्रबंधन तंत्र को और मजबूत बनाने के निर्देश दिये थे।

उन्होंने बताया कि इसी क्रम में प्रदेश में तीन नये राज्य आपदा मोचन बल का गठन किया जा रहा है। वहीं नये बलों के लिए 80.75 करोड़ रूपये से उपकरण एवं 9.99 करोड़ रुपये से वाहन खरीदे जा रहे हैं।

प्रदेश सरकार ने अधिक से अधिक आपदा पीड़ितों को राहत कोष का लाभ दिलाने के लिए कई दुर्घटनाओं को राज्य आपदा में शामिल किया है, जिनमें नौका दुर्घटना, सर्पदंश, सीवर सफाई, गैस रिसाव, बोरवेल में गिरना, मानव वन्य जीव द्वन्द, डूबना, सांड एवं नीलगाय के आघात से होने वाली मृत्यु शामिल है।

उन्होंने बताया कि इसके अलावा स्कूलों के पाठ्यक्रमों एवं उत्तर प्रदेश के शिक्षा परिषदों में आपदा प्रबंधन के विषयों को शामिल किया गया, जिनमें प्रशासनिक प्रशिक्षण संस्थान, पुलिस अकादमी, राज्य ग्राम विकास संस्थान, सचिवालय प्रशिक्षण संस्थान, राज्य स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण संस्थान सहित अन्य संस्थानों में आपदा प्रबंधन पाठ्यक्रम शामिल है।

राहत आयुक्त ने बताया कि मौसम संबंधी पूर्व चेतावनी तंत्र को सुदृढ़ करने के लिए प्रदेश की सभी तहसीलों में 450 ऑटोमैटिक वेदर स्टेशन (एडब्ल्यूएस), ब्लॉक स्तर पर 2 हजार ऑटोमैटिक रेन गेज (एआरजी) और प्रदेश के 5 प्रमुख शहरों में 5 ‘डॉप्लर रडार’ की स्थापना की जा रही है।

उन्होंने कहा कि इसके अलावा प्रदेश में आपदाओं से बचाव व आम जन को जागरूक करने के उद्देश्य से ग्राम स्तर पर लगभग सात हजार राहत चौपालों का आयोजन किया जा चुका है, जिसमें जनपद स्तर के अधिकारियों द्वारा ग्रामीणजनों को आपदाओं से बचाव व तैयारी, आपदा के दौरान क्या करें व क्या न करें आदि के संबंध में जागरूक किया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार ने प्रदेश में नौका दुर्घटनाएं रोकने के लिए नाव सुरक्षा एवं नाविक कल्याण नीति-2020 बनाई है जिसके जरिये प्रथम चरण में 872 गोताखोर एवं 5123 नाविकों को नाव सुरक्षा किट का वितरण किया गया है।

राहत आयुक्त ने कहा कि इसके अलावा प्रदेश में डूबने की घटनाओं को रोकने के लिए वाराणसी, प्रयागराज एवं गोरखपुर में मुख्यमंत्री बाल तरणवीर कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं।










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