US Ambassador: पूर्व विदेश सचिव विनय क्वात्रा बने US में भारत के राजदूत, रिटायरमेंट बाद नई पारी की तैयारी

डीएन ब्यूरो

पूर्व भारतीय विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा को अमेरिका में भारत का अगला राजदूत नामित किया गया है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

विनय क्वात्रा
विनय क्वात्रा


नई दिल्ली: पूर्व भारतीय विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा को अमेरिका में भारत का अगला राजदूत नामित किया गया है। भारत ने क्वात्रा के नामांकन के बारे में अमेरिका को आधिकारिक तौर पर सूचित कर दिया है। उनकी नियुक्ति ऐसे समय में की गई है, जब अगले कुछ ही महीनों में अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव होने हैं। 

1988 बैच के भारतीय विदेश सेवा अधिकारी विनय क्वात्रा इस महीने की शुरुआत में विदेश सचिव के पद से रिटायर हुए थे और उनकी जगह विक्रम मिस्री को विदेश सचिव नियुक्त किया गया है। 

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नामांकन के बाद अमेरिका में औपचारिकताएं पूरी की जाएंगी, जिसके बाद क्वात्रा वाशिंगटन डीसी में कार्यभार संभालेंगे। यह पद जनवरी में तरनजीत सिंह संधू के सेवानिवृत्त होने के बाद से रिक्त पड़ा था। सूत्रों ने बताया कि अमेरिका में औपचारिकताएं पूरी होने के बाद जल्द ही उनके नाम की आधिकारिक घोषणा की जाएगी। क्वात्रा विदेश सचिव बनने से पहले चीन, अमेरिका, पीएम मोदी के कार्यालय और फ्रांस में भारत के दूत के तौर पर काम कर चुके हैं।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार विनय क्वात्रा का विदेश सचिव के तौर पर कार्यकाल 15 जुलाई को समाप्त हो गया था और उनकी जगह विक्रम मिस्री ने पदभार संभाला था। विक्रम मिसरी इससे पहले उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के रूप में काम कर चुके हैं और उन्होंने पाकिस्तान में राजनीतिक सलाहकार, पूर्व पीएम आईके गुजराल के निजी सचिव और चीन में भारत के राजदूत के तौर पर भी काम किया है। 1988 बैच के भारतीय विदेश सेवा अधिकारी विनय क्वात्रा अप्रैल 2022 से विदेश सचिव के पद पर थे। 

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वहीं, अमेरिका के राजूदत के तौर पर विनय क्वात्रा की नियुक्ति ऐसे समय में हो रही है, जब भारत-अमेरिका संबंधों में उथल-पुथल मची हुई है। अमेरिका ने हाल ही में पीएम मोदी की रूस यात्रा प भी सवाल उठाए थे, और रूस के साथ भारत के संबंधों पर अपनी नाराजगी जाहिर की थी। इसके अलावा, अमेरिका भारत पर खालिस्तान समर्थक गुरपतवंत सिंह पन्नू की कथित तौर पर हत्या करने की साजिश रचने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने का दबाव बना रहा है। भारतीय मूल के विवेक गुप्ता को चेक गणराज्य में गिरफ्तार किया गया था और अमेरिकी अधिकारियों के कहने पर उसे अमेरिका भेज दिया गया था।










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