विकास दुबे एनकाउंटर पर सामने आया UP STF का आधिकारिक बयान, जानिये कैसे मारा गया दुर्दांत अपराधी

कानपुर के पास मुठभेड़ में मारे गये गैंगस्टर विकास दूबे के एनकाउंटर को लेकर भले ही कई सवाल उठ रहे हों लेकिन इस मामले को लेकर यूपी एसटीएफ ने अपना आधिकारिक बयान जारी किया है।

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 10 July 2020, 6:28 PM IST
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लखनऊ: कानपुर के चौबेपुर थाना के बिकरु गांव में 8 पुलिस कर्मियों की हत्या के मोस्ट वांटेड अपराधी विकास दुबे को यूपी एसटीएफ द्वारा आज एक मुठभेड़ में मार गिरा दिया गया है। इस गैंगस्टर के एनकाउंटर को लेकर भले ही कुछ लोग सवाल उठा रहे हों लेकिन इस मामले में शामिल यूपी एसपीएफ ने इसको लेकर अपना आधिकारिक बयान जारी करते हुए सभी अटकलों पर विराम लगाने की कोशिश की है। 

यूपी एसटीएफ ने अपने लिखित और ऑफिशियल बयान में फिर एक बार साफ किया है कि गैंगस्टर विकास दूबे गाड़ी पलटने के बाद पुलिस के हथियार लेकर भाग रहा था। पुलिस ने ये भी बताया कि गाड़ी की स्पीड ज्यादा थी और उसके सामने आचानक कुछ मवेशी आ गये। मवेशियों को बचाने के चक्कर में गाड़ी हादसे का शिकार हुई और सड़क पर पलट गयी। पुलिस टीम का नेतृत्व उपाधीक्षक तेज बहादुर सिंह, एसटीएफ द्वारा किया जा रहा था। यह हादसा कानपुर नगर के सचेण्डी थाना क्षेत्र में हुई।

UP STF का आधिकारिक लिखित बयान 

एसटीएफ का कहना है कि लंबा सफर होने के कारण गाड़ी का ड्राइवर भी थकान महसूस कर रहा था और गाड़ी के सामने अचानक जानवरों के आ जाने से और उन्हें बचाने के चक्कर में गाड़ी अनियंत्रित होकर पलट गयी। इस दुर्घटना में गाड़ी में बैठे अधिकारियों और कर्मचारियों को गंभीर चोटें आयी और वे थोड़े समय के लिये अचेत हो गये। घायलों में निरीक्षक रमाकांत पचौरी, उपनीरिक्षक पंकज सिंह, उपनीरिक्षक अनूप सिंह, आरक्षी सत्यवीर और प्रदीप कुमार शामिल थे।

एसटीएफ के मुताबिक गैंगस्टर विकास दूबे गाड़ी पलटने के कारण घायल और अचेत हुए निरीक्षक रमाकांत पचौरी का हथियार लेकर मौके से भागा और फरार हो गया। इसी बीच पीछे से आ रही पुलिस की दूसरी गाड़ी मौके पर पहुंची। इस गाड़ी में उपाधीक्षक, एसटीएफ तेज बहादुर सिंह और उनकी टीम थी।

तेजबहादुर और उनकी टीम को पहली गाड़ी के पलटने से घायल हुए पुलिस कर्मियों ने विकास यादव के हथियार छीनकर भागने की सूचना दी। जिसके बाद पुलिस टीम ने अपराधी का पीछा किया और उसे आत्मसमर्पण करने को कहा लेकिन उसने पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी। आत्मरक्षा के लिये पुलिस की जबावी फायरिंग में विकास दूबे को गोली लगी। घायल अवस्था में उसे नजदीक के अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

एसटीएफ के मुताबिक पुलिस ने विकास दुबे को जिंदा पकड़ने का पूरा प्रयास किया लेकिन इसके बावजूद भी दुबे ने लगातार फायरिंग जारी रखी। अन्‍य कोई विकल्‍प ना होने की स्थिति में पुलिसकर्मियों ने भी अपनी जान बचाने के लिए जबावी फायरिंग की। गोली लगने से दुबे जमीन पर घायल होकर गिर गया, जिसे तत्‍काल इलाज के लिए सरकारी अस्‍पताल ले जाया गया, जहां डॉक्‍टरों से उसे मृत घोषित कर दिया।

विकास दूबे की गोली लगने के कारण एसटीएफ टीम के सदस्य आरक्षी शिवेन्द्र सिंह सैंगर और आरक्षी विमल यादव घायल हो गये। घायल पुलिस कर्मियों का अस्पताल में इलाज चल रहा है।  
 

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