यूपी एसटीएफ ने परीक्षा में धांधली करने वाले गिरोह का किया भंडाफोड़, एक सॉलवर समेत 12 गिरफ्तार

डीएन ब्यूरो

प्रतियोगी परीक्षाओं में हो रही धांधली को देखते पुलिस अधीक्षक तथा पुलिस महानिरीक्षक की ओर से एसटीएफ की विभिन्न इकाईयों को सख्त दिशा-निर्देश दिए गए थे। इसके तहत एसटीएफ की टीम अब तक एक सॉल्वर समेत 12 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। डाइनामाइट न्यूज़ की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट में पढ़ें पूरी खबर..

धांधली के आरोप में पकड़े गए 12 आरोपी
धांधली के आरोप में पकड़े गए 12 आरोपी


लखनऊ: प्रतियोगी परीक्षाओं में हो रही धांधली को देखते हुए यूपी एसटीएफ ने कड़ा रुख अपनाया है। परीक्षा में पैसे लेकर अवैधानिक तरीके से पास करवाने वाले गिरोह का भंडा फोड़ते हुए पुलिस अब तक एक सॉल्वर समेत बारह आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है।

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अभिसूचना तंत्र की मदद से आए गिरफ्त में

इस संबंध में पुलिस महानिरीक्षक अमिताभ यश तथा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अभिषेक सिंह की ओर से एसटीएफ की विभिन्न इकाईयों को सख्त दिशा-निर्देश दिए गए और इसी क्रम में पुलिस उपाधीक्षक प्रदीप कुमार मिश्र के नेतृत्व में एसटीएफ लखनऊ की टीम गठित कर अभिसूचना तंत्र को सक्रिय किया गया। अभिसूचना तंत्र की मदद से लखनऊ एसटीएफ ने 20 जनवरी को आयोजित उत्तर प्रदेश सिविल कोर्ट स्टाफ के केंद्रीकृत भर्ती 2018-19 ग्रुप डी परीक्षा  में धांधली करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया।

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वहीं पुलिस उपाधीक्षक प्रदीप कुमार मिश्रा को आज (21 जनवरी) मुखबिर से सूचना मिली कि आवासीय पब्लिक इंटर कॉलेज, रजनी खण्ड 6, शारदा नगर में अभ्यर्थी संजय कुमार यादव के स्थान पर साल्वर धर्मेंद्र कुमार यादव सिविल कोर्ट स्टाफ की केंद्रीकृत भर्ती 2018-19 की ड्राइवर के पद के लिए आयोजित की गई परीक्षा दे रहा है। सूचना मिलते ही एसटीएफ की एक टीम को परीक्षा केंद्र पर भेजा गया और उसे रंगे हाथ परीक्षा देते हुए पकड़ लिया गया। उसके पास से जाली दस्तावेज भी बरामद हुए हैं। आरोपी के पास से संजय कुमार यादव नाम का एक एडमिट कार्ड और निर्वाचन कार्ड सहित पंजाब नेशनल बैंक का डेबिट कार्ड और धर्मेंद्र कुमार नाम से दिल्ली की मंजू लाइब्रेरी की रसीद बरामद हुई है।

आरोपी धर्मेंद्र पैसे लेकर हल करता था प्रश्न पत्र

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पकड़े गए आरोपी धर्मेंद्र कुमार यादव पुत्र प्रदीप यादव की पहचान थाना शाहबगंज, पटना (बिहार) से हुई है। पुलिस पूछताछ में उसने बताया कि उसे परीक्षा हल करने के लिए कुल 1 लाख रुपये देने का वादा किया गया था जिनमें से 15 हजार रुपये उसे दिए जा चुके थे। उसने बताया कि उसे सोनू यादव पुत्र मिश्री लाल यादव का भाई शशांक यादव उर्फ प्रदीप परीक्षा दिलाने के लिए लाया था जिसके लिए उसे एडवांस में 15 हजार रुपये दिए गए थे। आरोपी के अनुसार प्रदीप इलाहबाद का रहने वाला है।

गिरफ्तार अरोपियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। आगे की कर्रवाई स्थानीय पुलिस द्वारा की जा रही है।


 










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