UP Politics: ओम प्रकाश राजभर ने लगाया सियासी धोखेजाबजी का आरोप, जानिये यूपी का ये मामला
सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के प्रमुख ओम प्रकाश राजभर ने मंगलवार को समाजवादी पार्टी (सपा) पर निशाना साधते हुए कहा कि उसने 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में उन्हें धोखा दिया। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
लखनऊ: सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के प्रमुख ओम प्रकाश राजभर ने मंगलवार को समाजवादी पार्टी (सपा) पर निशाना साधते हुए कहा कि उसने 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में उन्हें धोखा दिया।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार राजभर मंगलवार को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की बैठक में भाग लेने के लिए लखनऊ से दिल्ली के लिए रवाना हुए। इसके पहले उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी ने पिछले साल उप्र विधानसभा चुनाव में सीट देने के मामले में उन्हें धोखा दिया।
राजभर ने कहा, ‘‘उन्होंने 13 सीट पर अब्बास अंसारी सहित अपने उम्मीदवार दिए, लेकिन चुनाव चिह्न हमारा था। हम राजग की बैठक के बाद उनके (अब्बास अंसारी) बारे में चर्चा करेंगे और इसके अनुसार कार्य करेंगे।’’
अब्बास अंसारी माफिया सह राजनेता मुख्तार अंसारी के बेटे हैं, जो जेल में बंद हैं। राजभर ने अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि पहले उनके विधायकों की संख्या 47 थी और पिछले साल उप्र विधानसभा चुनाव में उनके विधायकों की संख्या 125 तक पहुंच गई, लेकिन इस बार वह उप्र में जीत नहीं पाएंगे।
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उन्होंने कहा, ‘‘संजय निषाद जी कुछ वोट काटेंगे, अनुप्रिया पटेल और दारा सिंह चौहान वोट काटेंगे जबकि मैं समाजवादियों के बाकी के वोट काटूंगा और उनके (अखिलेश यादव) पास सिर्फ विपक्ष की जगह बचेगी।’’
क्या उन्होंने कैबिनेट में कोई पद मांगा है? इस सवाल पर उन्होंने ना में जवाब दिया।
अगले साल संसदीय चुनाव गाजीपुर से लड़ने की चाहत या मंत्री बनने की ख्वाहिश से जुड़ी अटकलों को खारिज करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘ये सब अफवाह है।’’
राजभर ने आगे कहा कि राजग की बैठक में हर दल देश के विकास, पिछड़ों, दलितों और अल्पसंख्यकों की बेहतरी की बात करेगा और इसी राह पर आगे बढ़ेगा।
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अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) में शामिल राजभर जाति के बीच अपनी पकड़ रखने वाली सुभासपा का पूर्वी उप्र की कई विधानसभा और लोकसभा सीट पर प्रभाव है।
बैठक में भाग लेने के लिए ओ पी राजभर के साथ दिल्ली जा रहे उनके बेटे और सुभासपा के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव अरविंद राजभर ने कहा कि राजग के साथ उनका गठबंधन 2017 में भी था, लेकिन कुछ मुद्दों के कारण खत्म हो गया, लेकिन इस बार उन मुद्दों को सुलझाकर फिर से गठबंधन किया गया है।
विपक्ष की बैठक को लेकर अरविंद राजभर ने कहा कि इस बैठक का कोई मतलब नहीं है। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव का कोई मतलब नहीं रह गया है क्योंकि वह पहले ही हार चुके हैं, वह ओ पी राजभर के बिना उप्र में नहीं जीत सकते।
अब्बास अंसारी के मुद्दे पर अरविंद ने कहा कि इस मामले में कोई भी फैसला पार्टी की ‘कोर कमेटी’ की बैठक के बाद लिया जाएगा।