

‘पार्टी विद डिफरेंस’ का नारा हर गली नुक्कड़ पर बुलंद करने वाली सत्तारुढ़ भाजपा की जमकर छीछालेदर हो रही है। टिकट वितरण के तरीके पर तरह-तरह के सवाल उठ रहे हैं। तमाम जगहों पर सांसद व विधायक तक को विश्वास में नही लिया गया। ताजा विवाद फतेहपुर का है।
फतेहपुर: भाजपा में किस तरह टिकट वितरण निकाय चुनाव में हुआ है इसकी एक-एक करनी अब सामने आ रही है। राज्य के तमाम जिलों में पार्टी के कार्यकर्ताओं में गहरा असंतोष है।
कई जिलों से खबरें डाइनामाइट न्यूज़ पर आ रही हैं कि टिकट वितरण में सांसद और विधायक को कोई तरजीह ही नही दी गयी। 15 साल तक विपक्ष में रहकर लाठी-डंडे झेलने वाले कार्यकर्ताओं को इस चुनाव में भी मनमाने टिकट वितरण का शिकार होना पड़ा है।
गोंडा के बाद फतेहपुर में विवाद की आग
गोंडा का मामला अभी शांत भी नही पड़ा कि ताजा विवाद फतेहपुर में शुरु हो गया। रविवार की शाम लखनऊ से खबर आयी कि प्रदेश नेतृत्व सदर विधायक विक्रम सिंह पर बुरी तरह हत्थे से उखड़ गया है। उन्होंने विधायक को अनुशासनहीनता के आरोप में कारण बताओ नोटिस थमा दिया है। पत्र संगठन के प्रदेश महामंत्री अशोक कटारिया ने जारी किया है।
प्रदेश अध्यक्ष तक पहुंची शिकायत
राज्य संगठन के अध्यक्ष महेन्द्र नाथ पांडेय को शिकायत मिली कि विधायक ने गुंडई की और क्षेत्रीय मंत्री व चुनाव प्रभारी अविनाश सिंह के साथ बदसलूकी की। यही नही उन्होंने अपने समर्थकों को टिकट देने का दबाव बनाया और सिम्बल फार्म की छीना-झपटी की।
7 दिन में मांगा गया है जवाब
नोटिस के मुताबिक विधायक को सात दिनों में अनुशासनहीनता के आरोपों पर अपना पक्ष लिखित रुप से देना होगा।
विधायक के जवाब पर टिकी सबकी निगाहें
डाइनामाइट न्यूज़ पर नोटिस की खबर वायरल होने के बाद अब यह चर्चा भाजपाईयों में तेज हो गयी है कि आखिर विधायक क्या जवाब देंगे। वैसे विधायक को जुझारु तेवरों वाला माना जाता है और अंदरुनी खबर यह है कि वे दबाव में आकर नेतृत्व के सामने झुकने वाले नही हैं।
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