यूपी चुनाव ड्यूटी से रहे गायब, मिलेगा जबरन VRS

डीएन ब्यूरो

चुनाव ड्यूटी से गायब रहने पर 90 सरकारी कर्माचारियों को दी जाएगी अनिवार्य सेवानिवृत्ति

फ़ाइल फ़ोटो
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पीलीभीत: जिला प्रशासन ने एक अभूतपूर्व कदम उठाते हुए अपने 90 कर्मचारियों को आदेश दिया है कि 11 मार्च को वोटों की गिनती के बाद अपनी नौकरी से आवश्यक तौर पर VRS ले लें। यह सभी कर्मचारी कथित तौर पर झूठे मेडिकल सर्टिफिकेट लगाकर चुनाव ड्यूटी से गायब रहे थे। इन अधिकारियों ने कथित तौर पर चुनावी ड्यूटी से बचने के लिए अपनी 'बढ़ती उम्र' का हवाला
दिया था।

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इसके अलावा, जिले के डीएम मासूम अली सरवर ने 87 अन्य अधिकारियों को निलंबित कर चुनावी नियमों का उल्लंघन करने के लिए उन पर FIR दर्ज कराने के आदेश दिए हैं। यह निर्णय डीएम द्वारा बुधवार को कुछ उच्च अधिकारियों के साथ मीटिंग के बाद लिया गया है। डीएम ने बताया की 'स्वास्थ्य, बेसिक शिक्षा और पंचायती राज विभाग के कुल 103 अधिकारियों ने मेडिकल सर्टिफिकेट दिए थे जिनमें यह बताया गया था कि वह इलेक्शन ड्यूटी के लिए फिजिकली फिट नहीं हैं।' उन्होंने बताया कि यह मेडिकल सर्टिफिकेट चीफ मेडिकल ऑफिसर द्वारा गठित तीन सरकारी मेडिकल अधिकारियों के पैनल द्वारा जारी किए गए थे।

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सरवर ने कहा, 'इन 103 सरकारी कर्मचारियों में से केवल 13 ही ऐसे पाए गए जिन्हें किसी प्रकार की बीमारी थी। वहीं जांच के बाद, बाकी 90 कर्मचारियों का बढ़ती उम्र या बीमारी का दावा गलत पाया गया। इसलिए यह निर्णय लिया गया है कि इन कर्मचारियों को उत्तर प्रदेश सरकार की फाइनैंशल हैंडबुक के नियम 56 के अनुसार अनिवार्य रूप से रिटारमेंट दिया जाएगा।' उन्होंने बताया कि 8 फरवरी को अन्य 87 अधिकारी विशेष चुनाव ड्यूटी के ट्रेनिंग सेशन से भी गायब रहे जिसके लिए उन पर रिप्रेजेंटेशन ऑफ पीपल ऐक्ट, 1951 के सेक्शन 134 के तहत FIR दर्ज कराए जाने के आदेश जारी किए गए हैं। इस सभी 87 अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से सेवाओं से निलंबित कर दिया गया है।
 










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