

उत्तर प्रदेश सरकार ने अत्यंत पिछड़े बुंदेलखंड क्षेत्र में औद्योगीकरण को रफ्तार देने के लिए मंगलवार को ‘बुंदेलखंड औद्योगिक विकास प्राधिकरण’ के गठन को मंजूरी दे दी। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने अत्यंत पिछड़े बुंदेलखंड क्षेत्र में औद्योगीकरण को रफ्तार देने के लिए मंगलवार को 'बुंदेलखंड औद्योगिक विकास प्राधिकरण' के गठन को मंजूरी दे दी।
मंगलवार को यहां लोकभवन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में संपन्न हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में बुंदेलखंड औद्योगिक विकास प्राधिकरण के गठन को मंजूरी दी गयी। वित्त व संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने बैठक के बाद पत्रकारों को यह जानकारी दी।
खन्ना ने बताया कि 1976 में नोएडा का गठन हुआ था और उसमें टाउनशिप विकसित किये जाने की बात कही गयी थी। उसी तर्ज पर बुंदेलखंड मुख्यमंत्री औद्योगिक क्षेत्र विस्तारीकरण एवं नयी औद्योगिक क्षेत्र प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत इसकी शुरुआत की गयी है।
वित्त मंत्री ने बताया कि यह झांसी में बुंदेलखंड औद्योगिक विकास प्राधिकरण द्वारा विकसित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 47 वर्षों के बाद यह पहला मौका ऐसा है, जब इस प्रकार का कोई औद्योगिक विकास प्राधिकरण गठित हो रहा है। इसमें 33 राजस्व गांवों की 35 हजार एकड़ जमीन ली जा रही है, जिसकी कीमत 6,312 करोड़ रुपये है।
खन्ना ने बताया कि इसके लिए पांच हजार करोड़ रुपये की व्यवस्था पिछले वर्ष मार्च (2022-23) के बजट में की गयी थी। अब इस वर्ष भी इसके लिए पैसे की व्यवस्था की जा रही है।
उन्होंने कहा कि इसमें आठ हजार एकड़ भूमि ग्राम समाज की है।
सरकार के इस फैसले की सराहना करते हुए मंत्री ने कहा कि ''यह अपने आप में एक बड़ा निर्णय है। इससे झांसी के आसपास का जितना क्षेत्र है, उसका व्यापक स्तर पर विकास होगा। यह उप्र के विकास में अपना बड़ा योगदान करेगा।''
उन्होंने कहा कि झांसी रेलवे कनेक्टिविटी का बड़ा सेंटर है और इसके लिए जमीन झांसी-ललितपुर मार्ग, झांसी-ग्वालियर मार्ग पर ली जा रही है।
No related posts found.