UP: एटा के फर्जी एनकाउंटर पर CBI कोर्ट का बड़ा फैसला, एसओ समेत 5 दोषियों को उम्रकैद, 4 पुलिसवालों को मिली ये सजा
उत्तर प्रदेश के एटा में 2006 में हुई फर्जी मुठभेड़ के मामले में सीबीआई की अदालत ने सजा का ऐलान कर दिया है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
गाजियाबाद: उत्तर प्रदेश के एटा के सिढ़पुरा क्षेत्र में 2006 में फर्जी मुठभेड़ में हुई राजाराम की हत्या के मामले में सीबीआई अदालत ने बुधवार को फैसला सुना दिया है। इस मामले में सीबीआई कोर्ट द्वारा दोषी करार दिये ये 9 पुलिसकर्मियों में से पांच को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई जबकि चार दोषियों को 5-5 साल की सजा सुनाई गई है।
सीबीआई के विशेष न्यायाधीश परवेंद्र कुमार शर्मा की अदालत ने फर्जी एनकाउंटर के इस मामले में सजा का ऐलान किया। एटा के तत्कालीन थानाध्यक्ष समेत 5 पुलिसवालों को उम्रकैद और 4 पुलिसवालों को पांच-पांच साल कैद की सजा सुनाई। इस फैसले के बाद सभी दोषियों को न्यायिक हिरासत में लेकर जेल भेज दिया गया।
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एटा में 16 साल पहले पुलिसक्रमियों ने फर्नीचर कारीगर राजाराम को लुटेरा बताकर उनकी हत्या कर दी थी। फर्जी मुठभेड़ की यह घटना सुर्खियों में रही। हाई कोर्ट के आदेश पर इस मुठभेड़ का जांच सीबीआई द्वारा की गई। सीबीआई ने लंबी जांच के बाद इस मुठभेड़ को पूरी तरह फर्जी पाया और इसमें शामिल सभी पुलिसकर्मियों को राजाराम की हत्या का दोषी करार दिया।
फर्जी मुठभेड़ में मारे गये राजाराम के पीड़ित परिजनों ने इस मामले में सभी दोषी पुलिसकर्मियों के लिये फांसी की सजा की मांग की थी।
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