उद्धव की पार्टी को लोकसभा चुनाव के लिए दो सीट दी जाती हैं, तो भी उन्हें राजी होना पड़ेगा
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने शनिवार को कहा कि शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ऐसी स्थिति में हैं कि अगर कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) उनकी पार्टी को महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए महज दो सीट देती हैं, तो भी उन्हें राजी होना पड़ेगा। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
नागपुर: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने शनिवार को कहा कि शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ऐसी स्थिति में हैं कि अगर कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) उनकी पार्टी को महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए महज दो सीट देती हैं, तो भी उन्हें राजी होना पड़ेगा।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार बावनकुले ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि अविभाजित शिवसेना के साथ गठबंधन के दौरान भाजपा ने उद्धव को बड़े भाई की तरह माना था।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने दावा किया कि कांग्रेस ने पहले ही रामटेक लोकसभा क्षेत्र पर दावा जता दिया है, जो पहले शिवसेना के पास था, जिसका नेतृत्व अब मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे कर रहे हैं।
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वर्ष 2019 में मुख्यमंत्री पद को लेकर हुए विवाद के बाद उद्धव ने भाजपा के साथ वर्षों पुराना गठबंधन तोड़ दिया था। इसके बाद, उन्होंने कांग्रेस और राकांपा से हाथ मिलाते हुए महा विकास आघाडी (एमवीए) का गठन किया था और मुख्यमंत्री पद पर काबिज हुए थे। हालांकि, पिछले साल एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में विधायकों द्वारा बगावत करने के बाद उद्धव की सरकार गिर गई थी।
महाराष्ट्र में कुल 48 लोकसभा सीट हैं। अविभाजित शिवसेना ने 2019 में इनमें से 18 सीट पर जीत दर्ज की थी।
बावनकुले ने कहा, “शरद पवार या सोनिया गांधी अगर उद्धव की पार्टी को महज दो सीट पर चुनाव लड़ने को कहते हैं, तो भी उन्हें राजी होना पड़ेगा, क्योंकि उनके पास कोई और विकल्प नहीं बचेगा। यह भाजपा ही थी, जिसने उद्धव को बड़े भाई की तरह माना और उन्हें उनकी मर्जी के हिसाब से सीट दीं।”
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उन्होंने उद्धव और एमवीए की तरफ इशारा करते हुए कहा कि लेकिन अब स्थिति अलग है।
बावनकुले ने सौरभ पिंपालकर नामक भाजपा कार्यकर्ता के राकांपा प्रमुख शरद पवार को सोशल मीडिया पर दी गई हत्या की धमकी से जुड़े होने के आरोपों को लेकर कहा कि पार्टी कार्यकर्ता सिर्फ फेसबुक पर आरोपी को फॉलो करता था।
उन्होंने कहा, “न तो भाजपा और न ही उसके किसी कार्यकर्ता ने सोशल मीडिया पर शरद पवार को धमकी दी।”