उच्च न्यायालय ने काले झंडे दिखाने के आरोप में गिरफ्तारी को अवैध बताने वाली याचिका खारिज की
केरल उच्च न्यायालय ने मंगलवार को एक याचिका को खारिज कर दिया जिसमें विरोध में काले झंडे दिखाने के लिए गिरफ्तारी और हिरासत को ‘अवैध’ और ‘असंवैधानिक’ करार देने का अनुरोध किया गया। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
कोच्चि: केरल उच्च न्यायालय ने मंगलवार को एक याचिका को खारिज कर दिया जिसमें विरोध में काले झंडे दिखाने के लिए गिरफ्तारी और हिरासत को ‘अवैध’ और ‘असंवैधानिक’ करार देने का अनुरोध किया गया।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार मुख्य न्यायाधीश एस मणिकुमार और न्यायमूर्ति मुरली पुरुषोत्तमन की पीठ ने पिछले साल विरोध में मुख्यमंत्री पिनराई विजयन को काले झंडे दिखाने के लिए मुकदमे का सामना कर रहे लोगों के लिए मुआवजे की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया।
याचिका खारिज किए जाने के संबंध में विस्तृत आदेश अभी उपलब्ध नहीं है।
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यह मामला महत्वपूर्ण है क्योंकि पिछले कुछ दिनों में युवा कांग्रेस के कई कार्यकर्ताओं को केरल के मुख्यमंत्री को काले झंडे दिखाने या कथित रूप से ऐसा करने की योजना बनाने के लिए गिरफ्तार किया गया या हिरासत में रखा गया था, जब विजयन कोझिकोड और राज्य के अन्य जिलों में थे।
सैम जोसफ की याचिका में संबंधित अधिकारियों द्वारा कथित पेशेवर कदाचार की जांच की भी मांग की गई थी, जिन्होंने पिछले साल 11 जून को दो ट्रांसजेंडर को यहां कलूर मेट्रो स्टेशन के पास एक समारोह स्थल पर एहतियातन हिरासत में लिया था, जो काली पोशाक पहनकर वहां आए थे।
याचिका में ट्रांसजेंडर की कथित अवैध हिरासत से संबंधित दस्तावेज पुलिस को याचिकाकर्ता को उपलब्ध कराने का निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया। ट्रांसजेंडर लोगों ने दावा किया था कि वे मेट्रो स्टेशन जा रहे थे लेकिन पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया क्योंकि उन्होंने काली पोशाक पहनी हुई थी और मुख्यमंत्री पास के एक कार्यक्रम में शामिल हो रहे थे।
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वहीं, पुलिस ने दलील दी थी कि दोनों भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कार्यकर्ता थे, जो विरोध करने के लिए वहां पहुंचे थे। राजनयिक सामान के जरिए सोने की तस्करी की आरोपी स्वप्ना सुरेश द्वारा किए गए खुलासे के बाद कांग्रेस और भाजपा ने पिछले साल विभिन्न स्थानों पर व्यापक विरोध प्रदर्शन किए और विजयन को काले झंडे दिखाए।