फर्जी दस्तावेजों पर मृतक के अंगूठे के निशान का इस्तेमाल करने के आरोपी वास्तुकार को दो साल की जेल
दिल्ली की एक अदालत ने एक इमारत के लिए जल संचयन प्रमाणपत्र प्राप्त करने में मृत व्यक्ति के अंगूठे के निशान का उपयोग करने और उपमंडल मजिस्ट्रेट (मुख्यालय) के जाली हस्ताक्षर करने के आरोप में एक वास्तुकार और उसके सहयोगी को जेल की सजा सुनाई है।
नई दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने एक इमारत के लिए जल संचयन प्रमाणपत्र प्राप्त करने में मृत व्यक्ति के अंगूठे के निशान का उपयोग करने और उपमंडल मजिस्ट्रेट (मुख्यालय) के जाली हस्ताक्षर करने के आरोप में एक वास्तुकार और उसके सहयोगी को जेल की सजा सुनाई है।
इमारत का नक्शा जालसाजी के इस कृत्य से पहले ही 2010 में दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) द्वारा मंजूर किया गया था।
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विशेष न्यायाधीश संजीव कुमार मल्होत्रा ने वास्तुकार चरण सिंह सोलंकी और उनके सहयोगी प्रमोद गर्ग को दो साल जेल की सजा सुनाई और उन्हें ‘प्रोबेशन’ पर रिहा करने से इनकार कर दिया।
विशेष न्यायाधीश ने 12 जुलाई के अपने आदेश में कहा कि एक वास्तुकार (आर्किटेक्ट) होने के नाते हस्ताक्षर और अंगूठे के निशान को प्रमाणित करने तथा कानून के अनुसार प्रमाणपत्र जारी करने की उनकी बड़ी जिम्मेदारी थी।
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अभियोजन पक्ष ने नरमी बरतने की दलील का विरोध करते हुए कहा था कि इस तरह की जालसाजी समाज के अंत:करण को प्रभावित करती है।