यूपी के दो पूर्व विधायकों ने अदालत में किया सरेंडर, जानिये दंगों से जुड़ा ये बड़ा मामला

डीएन ब्यूरो

मुजफ्फरनगर की स्थानीय सांसद/विधायक अदालत में दो पूर्व विधायकों नूर सलीम राणा और मौलाना जमील ने सोमवार को आत्मसमर्पण कर दिया। उन्होंने साथ ही अदालत से मुजफ्फरनगर दंगों के सिलसिले में उनके खिलाफ जारी गैर-जमानती वारंट वापस लेने का अनुरोध किया। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

मुजफ्फरनगर दंगा मामला
मुजफ्फरनगर दंगा मामला


मुजफ्फरनगर: मुजफ्फरनगर की स्थानीय सांसद/विधायक अदालत में दो पूर्व विधायकों नूर सलीम राणा और मौलाना जमील ने सोमवार को आत्मसमर्पण कर दिया। उन्होंने साथ ही अदालत से मुजफ्फरनगर दंगों के सिलसिले में उनके खिलाफ जारी गैर-जमानती वारंट वापस लेने का अनुरोध किया। एक अभियोजन अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार सांसद/विधायक अदालत के विशेष न्यायाधीश मयंक जायसवाल ने आरोपियों के खिलाफ जारी गैर जमानती वारंट इस शर्त के साथ वापस लिया कि 20 जुलाई को तय तारीख पर वे अदालत में उपस्थित होंगे।

इससे पहले मामले में अदालत में पेश नहीं होने पर नूर सलीम राणा और मौलाना जमील के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया था। अदालत ने इस संबंध में दस आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने के लिए 20 जुलाई की तारीख तय की है।

सहायक अभियोजन अधिकारी अरविंद कुमार ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री सईदुज्जमा, पूर्व सांसद कादिर राणा, पूर्व विधायक नूर सलीम राणा और मौलाना जमील, पूर्व नगर पालिका सदस्य असद जमा, सलमान सईद, नौशाद कुरैशी, एहसान कुरैशी, मुशर्रफ, सुल्तान मुशीर समेत दस मुस्लिम नेता शामिल हैं, जिनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया था।

उन्होंने बताया कि 30 अगस्त 2013 को यहां शहर के खालापार इलाके में दिए गए कथित नफरत भरे भाषणों के लिए ये सभी मुकदमे का सामना कर रहे हैं।

अगस्त और सितंबर 2013 में मुजफ्फरनगर और आसपास के इलाकों में हुए सांप्रदायिक दंगों में लगभग 60 लोग मारे गए थे और करीब 40,000 लोग विस्थापित हुए थे।










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