

त्रिपुरा में विपक्षी तृणमूल कांग्रेस ने गुरुवार को नागरिक अवज्ञा आंदोलन का आयोजन किया, जिसने हिंसक रूप ले लिया। इसमें चार पुलिसकर्मी घायल हो गए। तृणमूल ने वाम मोर्चा शासित त्रिपुरा में अवैध एनबीएफसी और चिट फंड संगठनों की गतिविधियों की जांच सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय से कराए जाने की मांग की।
अगरतला: त्रिपुरा में विपक्षी तृणमूल कांग्रेस ने गुरुवार को नागरिक अवज्ञा आंदोलन का आयोजन किया, जिसने हिंसक रूप ले लिया। इसमें चार पुलिसकर्मी घायल हो गए। तृणमूल ने वाम मोर्चा शासित त्रिपुरा में अवैध एनबीएफसी और चिट फंड संगठनों की गतिविधियों की जांच सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय से कराए जाने की मांग की।
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आंदोलन में 6,000 तृणमूल कार्यकर्ताओं ने शीर्ष पार्टी नेताओं की अगुवाई में हिस्सा लिया। इसमें पश्चिम बंगाल के पंचायत और जन स्वास्थ्य राज्यमंत्री श्यामल संत्रा और सलबोनी के विधायक श्रीकांत महतो ने भाग लिया। पुलिस उप महानिरीक्षक उत्तम मजूमदार और पश्चिम त्रिपुरा जिले के पुलिस प्रमुख अभिजीत सप्तर्षि की अगुवाई में बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों को आंदोलन से निपटने के लिए तैनात किया गया था।
सप्तर्षि ने कहा, "आंदोलनकारियों ने हाथापाई की, जिसमें चार पुलिसकर्मी घायल हो गए।"
तृणमूल कांग्रेस की त्रिपुरा इकाई के के अध्यक्ष आशीष साहा ने कहा कि 14 लाख जमाकर्ताओं को कई गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) और चिट फंड संगठनों ने धोखा दिया है। इसमें रोज वैली भी शामिल है।
साहा ने राजभवन के निकट आंदोलन स्थल पर संवाददाताओं से कहा, "सीबीआई और ईडी की जांच के बिना वास्तविक अनियमितता और धोखाधड़ी का पता नहीं लगाया जा सकता।"
(आईएएनएस)
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