छात्रसंघ चुनाव नहीं कराने के फैसले के विरोध में छात्र नेताओं का जबरदस्त हंगामा, जानिये पूरा अपडेट
कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में छात्रसंघ चुनाव नहीं कराने के राज्य सरकार के फैसले के विरोध में कुछ छात्र नेताओं ने जयपुर स्थित राजस्थान विश्वविद्यालय में हंगामा किया। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
जयपुर: कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में छात्रसंघ चुनाव नहीं कराने के राज्य सरकार के फैसले के विरोध में कुछ छात्र नेताओं ने जयपुर स्थित राजस्थान विश्वविद्यालय में हंगामा किया।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ (एनएसयूआई), अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) और निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने के इच्छुक छात्र नेता पिछले तीन दिनों से परिसर में अलग-अलग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
छात्र नेताओं ने बृहस्पतिवार को राजस्थान विश्वविद्यालय का मुख्य दरवाजा बंद कर दिया और पुलिस से भिड़ गये। उन्होंने उच्च शिक्षा मंत्री राजेंद्र सिंह यादव का पुतला फूंका।
पुलिस ने छात्रों को हटाकर फाटक खोलने का प्रयास किया तो वे पुलिसकर्मियों से भिड़ गए। हालांकि, स्थिति पर काबू पा लिया गया और फाटक दोबारा खोल दिया गया।
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एनएसयूआई प्रवक्ता रमेश भाटी ने बताया कि एनएसयूआई कार्यकर्ता भूख हड़ताल पर बैठे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ नेताओं ने भी मांग के समर्थन में विरोध प्रदर्शन किया है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम सरकार से छात्रसंघ चुनाव कराने की मांग कर रहे हैं।’’
एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने राज्य सरकार के फैसले के खिलाफ सोमवार को राजस्थान विश्वविद्यालय के कुलपति सचिवालय पर धरना-प्रदर्शन किया।
एबीवीपी के राष्ट्रीय सचिव हुशियार सिंह मीणा ने आरोप लगाया कि राज्य की कांग्रेस सरकार ने चुनाव नहीं कराने का फैसला किया, क्योंकि वह जानती थी कि इसमें एनएसयूआई को हार का सामना करना पड़ेगा।
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उल्लेखनीय है कि उच्च शिक्षा विभाग ने नयी शिक्षा नीति के कार्यान्वयन, बजट घोषणाओं और छात्रसंघ चुनावों सहित कई मुद्दों पर गत शनिवार को राज्य वित्त पोषित विश्वविद्यालय के कुलपतियों की बैठक की थी।
कुलपतियों ने चुनाव में धनबल के प्रयोग और चुनाव के कारण शैक्षणिक कार्यों में व्यवधान आने को लेकर चिंता व्यक्त की थी।
कुलपतियों की राय के बाद सरकार ने 2023-24 के शैक्षणिक सत्र में चुनाव नहीं कराने का फैसला किया और उच्च शिक्षा विभाग के संयुक्त सचिव ने शनिवार रात इस संबंध में आदेश जारी कर दिया था।