लद्दाख में ग्लेशियर पिघलने से बन सकती हैं तीन झील : अध्ययन

लद्दाख स्थित हिमालयी पार्काचिक ग्लेशियर के पिघलने की गति तेज होने से तीन झीलों का निर्माण हो सकता है जिनकी औसत गहराई 34 से 84 मीटर तक हो सकती है। वैज्ञानिकों ने अपने अध्ययन के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट:

Updated : 29 July 2023, 5:52 PM IST
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नयी दिल्ली: लद्दाख स्थित हिमालयी पार्काचिक ग्लेशियर के पिघलने की गति तेज होने से तीन झीलों का निर्माण हो सकता है जिनकी औसत गहराई 34 से 84 मीटर तक हो सकती है। वैज्ञानिकों ने अपने अध्ययन के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला है।

देहरादून स्थित वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान के वैज्ञानिकों का कहना है कि संभव है कि ये झील हिमालीय क्षेत्र में बाढ़ लाने का कारण बनें।

पार्काचिक ग्लेशियर सुरु नदी घाटी के सबसे बड़े ग्लेशियर में से एक है और यह पश्चिमी हिमालय की दक्षिण जन्स्कार श्रृंखला का हिस्सा है। जन्स्कार श्रृंखला हिमालय में अवस्थित है और केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख में अवस्थित है।

पत्रिका ‘एन्नल्स ऑफ ग्लेशियोलॉजी’ में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक, वैज्ञानिकों ने ग्लेशियर के पिघलने की दर का पता लगाने के लिए 1971 से 2021 के बीच उपग्रह आंकड़ों का विश्लेषण किया जिसके मुताबिक 1971 से 1999 (28 साल) के मुकाबले 1999 से 2021 (22 साल) में छह गुना अधिक गति से ग्लेशियर पिघला।

अध्ययन के मुताबिक, हिमनदों के पीछे हटने का कारण जलवायु परिवर्तन है, जो ग्लेशियरों की सतह में बदलाव या भूवैज्ञानिक परिवर्तनों का भी कारण बनता है।

वैज्ञानिकों ने बताया कि तेजी से पीछे हटते हिमनद के साथ भू सतह में बदलाव की वजह से झील बन रही हैं और इनका विस्तार हो रहा है जो हिमालय में बाढ़ का कारण बन सकती हैं।

ग्लेशियर से झील तब बनती है जब घर्षण से सतह गहरी होती है और वह पिघल जाती है। अध्ययन के मुताबिक, वैज्ञानिकों ने तीन स्थानों की पहचान की है जहां पर ग्लेशियर से झील बन सकती है और इनका आकार 43 से 270 हेक्टेयर हो सकता है।

Published : 
  • 29 July 2023, 5:52 PM IST

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