चूहे-छछूंदर से किसानों में फैलता सकता है ये रोग, बचाव के लिए कृषि विभाग ने जारी की एडवाइजरी

चूहे और छछूंदर से फैलने वाली बिमारी लेप्टोस्पायरोसिस और स्क्रब टाइफस रोग पर सरकार ने किसानों के लिए एडवाइजरी जारी की है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 30 March 2024, 5:30 PM IST

नई दिल्ली: देश के अन्नदाता को अपनी फसल की बुवाई से कटाई तक न कई मुश्किलों से जूझना पड़ता है। इनमें मौसम की मार से लेकर आर्थिक मार शामिल हैं। इसी क्रम में किसानों के लिए चूहे और छछूंदर से होने वाले रोग भी शामिल हैं। ऐसे में सरकार के तरफ से संचारी रोग नियंत्रण अभियान चलाया जा रहा है। क्योंकि खेतों में मौजूद चूहे से यह किसानों के शरीर में प्रवेश कर जाता है। 

डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार चूहे और छछूंदर खेतों में बिल बनाकर रहते हैं। यह फसलों को भारी क्षति पहुचाते हैं, लेकिन चूहों से न सिर्फ फसलों को बल्कि इंसानों को भी कई गंभीर बिमारियां होती हैं।  

यह भी पढ़ें: आसमान से बरपा कहर, खेत में फसल काट रहे किसान की दर्दनाक मौत 

ऐसे में किसानों और फसलों को बीमारियों से बचाने  के लिए कृषि विभाग ने एडवाइजरी जारी की है। सरकार 1 अप्रैल से 30 अप्रैल तक संचारी रोग नियंत्रण अभियान भी चलाने की तैयारी में है। 

क्या है चूहे से फैलने वाला रोग

चूहे से लेप्टोस्पायरोसिस और स्क्रब टाइफस रोग फैलता है। यह "ओरिएटिया सुतसुगामुशी" नाम बैक्टीरिया के कारण होने वाला एक्यूट रोग है। ये कीट झाड़ी या नमी वाले स्थान पर पाया जाता है। ऐसे ही स्थानों पर चूहे भी रहते हैं। इस वजह से यह चूहे में फैल जाता है। वहीं, चूहों से फिर खेत में काम कर रहे किसानों में भी ये रोग फैल जाता है। 

क्या हैं रोग के लक्षण?
लेप्टोस्पायरोसिस और स्क्रब टाइफस से संक्रमित कोई कीट जब किसी को काटता है तो 6 से 21 दिनों के अंदर इसके शरीर में इसके लक्षण दिखने लगते हैं। इस दौरान शरीर में बुखार, तेज ठंड, जी घबराना, सिर दर्द आदि जैस लक्षण दिखाई देते हैं। सरकार 1 अप्रैल से 30 अप्रैल तक संचारी रोग नियंत्रण अभियान भी चलाने की तैयारी में है। 

इस तरह करें संक्रमण से बचाव 
किसानों को इससे बचाव के लिए पूरी बांहों वाले कपड़े पहनना चाहिए। वहीं खेत से घर लौटने के बाद कपड़ों को जरूर धो लें। घास या धरती पर नहीं लेटना चाहिए। घर के आस-पास चूहे न पलने दें। इन्हें नियमों का पालन करने से रोग की चपेट में आने से बचा जा सकता है।

Published : 
  • 30 March 2024, 5:30 PM IST