भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने मुस्लिम वोटों को लेकर पहली बार दिया ये बयान, जानिये क्या कहा

भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केंद्रीय कैबिनेट मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने रविवार को यहा कहा कि दशकों से मुस्लिम वोटों को चिविंगम की तरह ‘चबाने, चूसने और चलता करने’ का चलन चल रहा है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 18 December 2022, 6:17 PM IST
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लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केंद्रीय कैबिनेट मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने रविवार को यहा कहा कि दशकों से मुस्लिम वोटों को चिविंगम की तरह ‘चबाने, चूसने और चलता करने’ का चलन चल रहा है।

नकवी ने उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक आयोग की ओर से आयोजित ‘अल्पसंख्यक अधिकार दिवस’ कार्यक्रम में कहा,“ऐसी ही स्वार्थी सियासी सोंच, अल्पसंख्यकों के विकास का लोच रहा और ‘वोटों की स्वार्थी मंडी’ से विकास की समावेशी पगडण्डी के साथ ‘क्रूर, कम्युनल, क्रिमिनल कपट की जाती रही।”

नकवी ने कहा कि आज देश साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण को ध्वस्त कर समावेशी सशक्तिकरण का ध्वजवाहक इस लिए बन पाया है कि मोदी-योगी युग में ‘अमर, अब्दुल, अन्टोनी’ की समावेशी विकास में भागीदारी ने ‘चिविंगम की तरह चूसो और चलता करो’ वाली साम्प्रदायिक वोटों के ठगी के ठौर- ठिकानों की तालाबन्दी और नाकाबंदी कर दी है।

नकवी ने कहा कि मुसलमानों के कुछ हिस्सों का पिछड़ापन ‘संकीर्ण साम्प्रदायिक सियासत’ और ‘स्वार्थी वोटों की तिजारत’ का नतीजा रहा। आज जब बिना भेदभाव सभी की समृद्धि, सुरक्षा, शिक्षा सुनिश्चित हो रही है तो अल्पसंख्यकों के हितों को अपने सियासी स्वार्थ की बलि चढाने वाले राजनीतिक सूरमाओं के सूपड़े साफ हो रहे हैं।

नकवी ने कहा कि आज माहौल, मूड़ व मुद्दे बदले हैं, साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण नहीं समावेशी सशक्तिकरण का ‘मोदी मैजिक’ समाज के सभी हिस्सों में असर दिखा रहा है। विकास और विश्वास के माहौल ने समाज के सभी वर्गो को तरक्की का बराबर का हिस्सेदार भागीदार बनाया है। अल्पसंख्यकों की विकास में भागीदारी, बहुसंख्यकों की विश्वास में हिस्सेदारी पर भारी नहीं पड़ रही है।

उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यकों के विकास को देश के विकास से अलग देखना उन्हे प्रगति की मुख्यधारा से काटने का राजनीतिक छल है। सच्चर कमेटी के नाम पर मुसलमानों के भरोसे को भय और भ्रम में बदलने की कोशिश हुई।

दलितों, आदिवासियों के सामाजिक, आर्थिक सशक्तिकरण से प्रतिस्पर्धा का बहाना बनाकर मुसलमानों का सियासी तुष्टीकरण का खेल खेला गया, भ्रम पैदा किया गया कि मुसलमानों के हालात दलितों से ज्यादा खराब हैं। सच्चाई यह है कि दलितों का पिछड़ापन ऐतिहासिक-सामाजिक कारणों से रहा, जबकि मुसलमानों की गरीबी ‘सियासी छल का परिणाम’ है।

नकवी ने कहा कि आज मोदी-योगी और अन्य भाजपा सरकारों की सभी कल्याणकारी योजनाओं के लाभार्थियों में बड़ी तादाद में अल्पसंख्यक समुदाय से भी हैं। भाजपा सरकारों की बिजली, सड़क, पानी, स्वास्थ्य, शिक्षा, मकान, रोजगार, आर्थिक, सामाजिक सशक्तिकरण की योजनाओं का बराबर का लाभ अल्पसंख्यकों को भी हो रहा है। आज अल्पसंख्यक समुदाय की सोंच-समझ में सकारात्मक-रचनात्मक परिवर्तन आया है, इसी लिए वह वोटों की जागीरदारी को पछाड़कर, विकास की हिस्सेदारी को प्राथमिकता दे रहा है।

इस अवसर पर यूपी के अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री दानिश आज़ाद, यूपी अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन अशफाक सैफी, भाजपा यूपी अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष श्री बासित अली एवं अन्य गणमान्य उपस्थित थे।(वार्ता)

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