नेपाल में प्रचंड के प्रधानमंत्री बनने के बाद आज से शुरू होगा पहला संसद सत्र

डीएन ब्यूरो

नेपाल में पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ के प्रधानमंत्री बनने के बाद, हिमालयी देश की संसद का पहला सत्र सोमवार से यहां शुरू होगा, जिसमें प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के चुनाव पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’, प्रधानमंत्री, नेपाल  (फाइल फोटो)
पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’, प्रधानमंत्री, नेपाल (फाइल फोटो)


काठमांडू: नेपाल में पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ के प्रधानमंत्री बनने के बाद, हिमालयी देश की संसद का पहला सत्र सोमवार से यहां शुरू होगा, जिसमें प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के चुनाव पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।

इसी सत्र में प्रधानमंत्री प्रचंड विश्वास मत भी हासिल करेंगे।

‘द राइजिंग नेपाल’ अखबार के मुताबिक, पहली बैठक की अध्यक्षता सदन के सबसे वरिष्ठ सदस्य पशुपति शमशेर जेबी राणा करेंगे। खबर में कहा गया है कि राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी के आह्वान पर दोनों सदनों की बैठक सोमवार दोपहर एक बजे शुरू होगी।

प्रमुख राजनीतिक दलों के शीर्ष नेता प्रतिनिधि सभा (एचओआर) की पहली बैठक को संबोधित करेंगे, जो यहां संसद भवन में होने वाली है। पिछले महीने, नेपाल की राष्ट्रपति भंडारी ने देश में 20 नवंबर को चुनाव होने के बाद नौ जनवरी को नयी संसद का पहला सत्र बुलाया था।

सीपीएन-माओवादी सेंटर के 68 वर्षीय नेता प्रचंड ने पिछले साल 26 दिसंबर को तीसरी बार प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली थी, लेकिन उन्होंने नाटकीय रूप से नेपाली कांग्रेस के नेतृत्व वाले, चुनाव पूर्व गठबंधन से अलग होकर विपक्ष के नेता केपी शर्मा ओली के साथ हाथ मिला लिया था।

उन्हें 169 एचओआर सदस्यों के समर्थन से संविधान के अनुच्छेद 76 के उपबंध दो के अनुसार प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया। इस प्रावधान के माध्यम से नियुक्त प्रधानमंत्री को उनकी नियुक्ति के 30 दिनों के भीतर विश्वास मत हासिल करना होता है।

खबर में कहा गया है कि प्रचंड के विश्वास मत हासिल करने के बाद सदन के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया शुरू होगी। संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार, पहली संसदीय बैठक के 15 दिनों के भीतर अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव किया जाना चाहिए।

प्रधानमंत्री प्रचंड को सदन में स्पष्ट बहुमत के लिए 138 मतों की जरूरत है। उन्हें ओली की कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल-यूनिफाइड मार्क्सिस्ट-लेनिनिस्ट (सीपीएन-यूएमएल) और नवगठित राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी (आरएसपी) सहित सात दलों का समर्थन प्राप्त है।










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