अनुसूचित जाति से धर्म बदलने वालों को आरक्षण देने के लिये संविधान संशोधन की उठी मांग, जानिये पूरा अपडेट

आंध्र प्रदेश के मंत्री मेरुगु नागार्जुन ने कहा कि अनुसूचित जाति (एससी) के लोगों के ईसाई धर्म अपनाने से उनकी सामाजिक और आर्थिक स्थिति में बदलाव नहीं आता है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Updated : 29 March 2023, 12:21 PM IST
google-preferred

अमरावती: आंध्र प्रदेश के मंत्री मेरुगु नागार्जुन ने कहा कि अनुसूचित जाति (एससी) के लोगों के ईसाई धर्म अपनाने से उनकी सामाजिक और आर्थिक स्थिति में बदलाव नहीं आता है।

उन्होंने ऐसे लोगों को अनुसूचित जाति वर्ग के तहत सुरक्षा और आरक्षण देने के लिए केंद्र से संविधान में संशोधन करने का आग्रह किया।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक इस संबंध में विधानसभा में हाल में अपनाए गए प्रस्ताव का उल्लेख करते हुए राज्य के समाज कल्याण मंत्री ने कहा कि धर्म बदलने के बाद भी ये लोग छुआछूत, भेदभाव और अपमान सहित विभिन्न समस्याओं का सामना करते हैं।

नागार्जुन ने मंगलवार को केंद्र सरकार को लिखे एक पत्र कहा, ‘‘ हिंदू धर्म की अनुसूचित जातियों तथा ईसाई धर्म अपनाने वाले अनुसूचित जाति के लोगों की सामाजिक-आर्थिक स्थितियां एक समान है क्योंकि वे गांवों के उन्हीं बाहरी इलाकों में ही रहते हैं... समान परंपराओं तथा रीति-रिवाजों का पालन करते हैं ... धर्म बदलने से उनकी स्थिति में कोई भी बदलाव नहीं आता।’’

उन्होंने राज्य सरकार द्वारा प्राप्त कई अभ्यावेदनों से केंद्र को अवगत कराया कि कैसे धर्म बदलने के बाद भी अनुसूचित जाति के लोग सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक भेदभाव का सामना करते हैं, जबकि वे सिख धर्म और बौद्ध धर्म अपनाने वालों के बराबर ही बेहतर व्यवहार के हकदार हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘ भारत सरकार से अनुरोध है कि भारत में अनुसूचित जाति समुदाय के उन लोगों को अनुसूचित जाति का दर्जा देने के लिए भारत के संविधान में संशोधन पर विचार करें, जिन्होंने ईसाई धर्म अपना लिया है ताकि वे अन्य सभी अनुसूचित जातियों की तरह समान अधिकार, संरक्षण और अन्य लाभ हासिल कर सकें।’’

No related posts found.