Uttar Pradesh: आग के हवाले किए गए बच्चों की हालत बिगड़ी, केजीएमयू लखनऊ रेफर, जानिए पूरा मामला

डीएन ब्यूरो

उन्नाव जिले में बलात्कार पीड़िता दलित किशोरी द्वारा सुलह नहीं किए जाने पर, जमानत पर जेल से बाहर आए आरोपियों ने उसके मकान में आग लगा दी और पीड़िता के बेटे तथा उसकी बहन को आग में फेंक दिया।

केजीएमयू लखनऊ (फ़ाइल)
केजीएमयू लखनऊ (फ़ाइल)


उन्नाव: उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में बलात्कार पीड़िता दलित किशोरी द्वारा सुलह नहीं किए जाने पर, जमानत पर जेल से बाहर आए आरोपियों ने उसके मकान में आग लगा दी और पीड़िता के बेटे तथा उसकी बहन को आग में फेंक दिया। घटना में दोनों बच्चे बुरी तरह झुलस गए और उन्हें बेहतर इलाज के लिए बुधवार को लखनऊ भेज दिया गया।

घटना में घायल हुआ एक बच्चा बलात्कार पीड़िता का छह महीने का बेटा है और दूसरी बच्ची, पीड़िता की दो महीने की बहन है। दलित किशोरी 11 साल की उम्र में बलात्कार के कारण गर्भवती हुई थी।

इस मामले में उत्तर प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सवाल किया है कि क्या वह इस जघन्य अपराध के बारे में कुछ करेगी।

उन्होंने लिखा है, ‘‘उप्र में जमानत पर बाहर आए आरोपियों द्वारा उन्नाव में गैंगरेप पीड़िता के बच्चे को जिंदा जलाने (का प्रयास करने) की जघन्य घटना पर भाजपा सरकार कुछ करेगी या परिवारवालों के दुख-दर्द को समझनेवाला इस बेरहम सरकार में कोई नहीं है।’’

विपक्ष के नेता के ट्वीट पर जवाब देते हुए पुलिस ने बताया कि इस घटना के सिलसिले में चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है।

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पुलिस ने बताया कि बलात्कार के दोनों आरोपी हाल ही में जमानत पर जेल से बाहर आए थे और जब पीड़िता ने उनके साथ सुलह करने से इंकार कर दिया तो सोमवार को वे अपने पांच अन्य साथियों के साथ कथित रूप से किशोरी के मकान में घुस आए।

पुलिस ने बताया कि आरोपियों और उनके साथियों ने 17 अप्रैल को पीड़िता और उसकी मां के साथ मारपीट की थी और उनके मकान में आग लगा दिया था। पीड़ित किशोरी की मां ने पुलिस को दी गई तहरीर में आरोप लगाया था कि आरोपियों ने पीड़ित किशोरी के बेटे की हत्या करने के इरादे से मकान के छप्पर में आग लगायी है।

पुलिस ने बताया कि पीड़िता और उसकी मां ने आरोप लगाया था कि आरोपियों ने दोनों बच्चों को आग में फेंक दिया था और आग से झुलसे पीड़िता के छह माह के बेटे और पीड़िता की दो माह की बहन को 18 अप्रैल को उन्नाव जिला अस्पताल से बेहतर इलाज के लिए कानपुर के उर्सला हॉस्पिटल में भेज दिया गया।

उन्होंने बताया कि दोनों बच्चों को आज हालत बिगड़ने पर लखनऊ के किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में भेज दिया गया है।

पुलिस ने बताया कि 11 वर्षीय दलित लड़की के साथ 13 फरवरी, 2022 को सामूहिक बलात्कार किया गया था, जिसके कारण वह गर्भवती हो गई थी और सितंबर 2022 में उसने एक बेटे को जन्म दिया था।

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उर्सला अस्पताल के निदेशक डाक्टर एस. पी. चौधरी ने बताया कि बच्चों को उन्नाव से बेहतर इलाज के लिए यहां भेजा गया था। उन्होंने बताया कि बच्चों का बेहतर इलाज चल रहा था, लेकिन निरीक्षण के दौरान पीड़िता के बेटे को झटके आते दिखाई दिए, साथ ही दोनो बच्चों के सिर में एक ओर सूजन दिखाई पड़ा था।

पीड़ित परिवार का आरोप है कि अभियुक्तों ने दोनों बच्चों को आग में फेंक दिया था, जिससे उन्हें सिर में चोट आई थी। दोनों का सीटी स्कैन कराया गया, जिसमें दोनों के सिर की हड्डी में फैक्चर मिला।

उन्होंने बताया कि उर्सला अस्पताल में विशेषज्ञ की व्यवस्था नहीं होने पर दोनों बच्चों को लखनऊ भेज दिया गया है।

वहीं, सपा अध्यक्ष के बयान पर पुलिस ने कहा है कि ‘पीड़िता’के चाचा ने मकान को आग लगाया। वीडियो में मौजूद बच्चों ने इसकी पुष्टि की है। मौरावां थाने में इस संबंध में प्राथमिकी दर्ज की गई और आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायिक प्रक्रिया के तहत जेल भेज दिया गया है।

पुलिस ने एक अन्य ट्वीट में कहा है, ‘‘यह संज्ञान में आया है कि पीड़ितों का उनके चाचा और दादा के साथ मकान को लेकर कुछ विवाद था। पुलिस ने इन दोनों व्यक्तियों सहित चार लोगों की गिरफ्तार किया है।’’










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