Punjab Politics: पंजाब की राजनीतिक अस्थिरता पर फूटा कांग्रेस के इस बड़े नेता का गुस्सा, कहा- मैं बेहद व्यथित

डीएन ब्यूरो

पंजाब की कांग्रेस सरकार बीते कुछ समय से एक के बाद एक नये संकट से जूझती जा रही है। नये सीएम की ताजपोशी के बाद कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू समेत कुछ अन्य नेताओं के इस्तीफे के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता और सांसद मनीष तिवारी का गुस्सा फूट पड़ा। पढ़िये पूरी रिपोर्ट

मनीष तिवारी, कांग्रेस सांसद एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री (फाइल फोटो)
मनीष तिवारी, कांग्रेस सांसद एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री (फाइल फोटो)


नई दिल्ली: पंजाब की कांग्रेस सरकार बीते कुछ समय से एक के बाद एक नये संकट से जूझती जा रही है। नये मुख्यमंत्री की ताजपोशी के बाद पंजाब कांग्रेस में सब कुछ ठीक होने की उम्मीद जतायी जा रही थे लेकिन पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के इस्तीफे ने संकट को बढ़ा दिया है। सिद्धू के साथ ही अन्य कांग्रेसी नेताओं के इस्तीफे से फिलहाल यह संकट और ज्यादा गहराता जा रहा है।

पंजाब कांग्रेस में बढ़ते संकट के बीच कांग्रेस सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी का भी गुस्सा फूट पड़ा है। पंजाब में कांग्रेस सरकार की अस्थिरता को लेकर उन्होंने नवजोत सिंह सिद्धू पर निशाना साधते हुए कई बड़ी बातें भी कही। 

कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने एक समाचार एंजेंसी से बातचीत में पंजाब संकट पर चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि  'पंजाब में जो घटनाक्रम पिछले कुछ दिनों में घटा, वो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण था। उन्होंने बेहद सख्त लहजे में कहा कि अगर पंजाब की अस्थिरता पर किसी को खुशी है तो वो पाकिस्तान को है। उनको लगता है कि पंजाब में राजनीतिक अस्थिरता बढ़ती है तो उनको फिर अपने काले मंसूबों को अंजाम देने का एक और मौका मिलेगा।'

उन्होंने नवजोत सिंह सिद्धू पर निशाना साधते हुआ कहा कि वे सज्जन (सिद्धू) खुद ही सभी सवालों के जबाव तलाश सकते हैं। आगे कहा कि मुझे ये बात कहने में बिल्कुल भी संकोच नही है कि जिन लोगों को जिम्मेदारी दी गई थी वो पंजाब को समझ नहीं पाए। चुनाव या राजनीति एक पहलू है लेकिन राष्ट्र हित दूसरा पहलू है। पंजाब की राजनीतिक स्थिरता को बहाल करने की जरूरत है। कांग्रेस सांसद कहते हैं, 'पंजाब के एक सांसद के रूप में, मैं पंजाब में होने वाली घटनाओं से बेहद व्यथित हूं। पंजाब में शांति अत्यंत कठिन थी। 1980-1995 में उग्रवाद और आतंकवाद से लड़ने के बाद पंजाब में शांति वापस लाने के लिए 25000 लोग, जिनमें से अधिकांश कांग्रेसी थे, ने स्वयं बलिदान दिया।'

श्री आनंदपुर साहिब से कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने जो कुछ कहा, वह अब सत्य निकल रहा है। उन्होंने कहा कि कैप्टन अमरिंदर राज्य के बड़े नेता हैं, मेरे पिता उनके बेहद करीबी मित्र थे। हम उनको दशकों से जानते हैं। मैं समझता हूं कि इन परिस्थितियों में वे एक बेहतर विकल्प हो सकते थे। 










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