आतंकवाद का वित्त पोषण मामला: एनआईए ने कश्मीर में कई स्थानों पर छापेमारी की

डीएन ब्यूरो

राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने प्रतिबंधित समूह जमात-ए-इस्लामी (जेईआई) से जुड़े आतंकवाद के वित्त पोषण मामले की जांच के सिलसिले में बृहस्पतिवार को जम्मू कश्मीर के बडगाम और बारामूला जिलों में 11 स्थानों पर छापेमारी की।

एनआईए (फाइल)
एनआईए (फाइल)


श्रीनगर: राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने प्रतिबंधित समूह जमात-ए-इस्लामी (जेईआई) से जुड़े आतंकवाद के वित्त पोषण मामले की जांच के सिलसिले में बृहस्पतिवार को जम्मू कश्मीर के बडगाम और बारामूला जिलों में 11 स्थानों पर छापेमारी की।

एजेंसी ने एक बयान में कहा, “एनआईए ने बृहस्पतिवार को 11 स्थानों पर छापेमारी उस मामले में की है, जिसमें जेईआई को 28 फरवरी 2019 को गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम कानून (यूएपीए) के तहत गैरकानूनी संगठन घोषित किए जाने के बाद भी उसके हिंसक और अलगाववादी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप है।

एनआईए ने इससे पहले 2021 में दर्ज मामले में चार लोगों के खिलाप आरोप पत्र दायर किया था।

संघीय एजेंसी ने हाल में घाटी में सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करते हुए भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल समूहों द्वारा आतंकवाद के वित्त पोषण की गतिविधियों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है।

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एजेंसी ने कहा, “जम्मू-कश्मीर में जेईआई के सदस्यों और हमदर्दों के परिसरों पर छापेमारी के दौरान एजेंसी ने कई डिजिटल उपकरणों के साथ ही आपत्तिजनक सामग्री भी बरामद की।”

एनआईए द्वारा पांच फरवरी, 2021 को स्वत: दर्ज किए गए मामले की अब तक की जांच में सामने आया है कि जेईआई (जम्मू-कश्मीर) स्वास्थ्य और शिक्षा को बढ़ावा देने जैसे धर्मार्थ उद्देश्यों के नाम पर धन एकत्र कर रहा है, जबकि इस धन का इस्तेमाल अवैध गतिविधियों को अंजाम देने के लिए किया जा रहा है।

एनआईए ने यह भी पाया है कि जेईआई के सदस्य देश के भीतर और बाहर ‘दान के माध्यम से’ विशेष रूप से - ‘जकात’, ‘मौदा’ और ‘बैत-उल-माल’ (मुस्लिम समुदाय निधि) के रूप में धन एकत्र कर रहे हैं।

‘मौदा’ इस्लाम धर्म में जमात के दौरान दिए गए दान को कहते हैं।

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इसने कहा, “वे उक्त धन का उपयोग हिंसक और अलगाववादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए कर रहे हैं और उसे हिज्बुल मुजाहिदीन (एचएम), लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) जैसे प्रतिबंधित आतंकी संगठनों को भी भेज रहे हैं...।”

एनआईए ने कहा कि जेईआई देश के खिलाफ अपने आतंकवादी और अलगाववादी साजिशों में शामिल होने के लिए कश्मीरी युवाओं को उकसा रहा है और जम्मू-कश्मीर में नए सदस्यों की भर्ती कर रहा है।

 










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