अयोध्या में राम मंदिर में ‘प्राण प्रतिष्ठा’ के पल को यादगार बनाने में जुटे दिल्ली के मंदिर

डीएन ब्यूरो

अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर में होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर न केवल वहां, बल्कि दिल्ली में भी हर्षोल्लास चरम पर है। राष्ट्रीय राजधानी के मंदिर भी इस ऐतिहासिक पल को यादगार बनाने की तैयारी में जुटे हैं। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

झंडेवालान मंदिर के न्यासी रवींद्र गोयल
झंडेवालान मंदिर के न्यासी रवींद्र गोयल


नयी दिल्ली: अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर में होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर न केवल वहां, बल्कि दिल्ली में भी हर्षोल्लास चरम पर है। राष्ट्रीय राजधानी के मंदिर भी इस ऐतिहासिक पल को यादगार बनाने की तैयारी में जुटे हैं।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोगों से इस दिन को ‘दीपावली’ की भांति मनाने के लिए अपने घरों में विशेष दीये ‘श्री राम ज्योति’ जलाने की अपील की है।

दिल्ली में मंदिरों को इस विशेष अवसर पर प्रकाश, सजावट, दीयों और फूलों से सजाया जाएगा।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार झंडेवालान मंदिर के न्यासी रवींद्र गोयल ने  कहा कि यह मंदिर इस दिन दिवाली मनाएगा और सभी अनुष्ठान किये जाएंगे।

गोयल ने कहा,‘‘ झंडेवालान मंदिर 15 जनवरी के मकर संक्राति के दिन से अगले डेढ़ महीने तक अयोध्या में सामुदायिक रसोई घर का आयोजन करेगा।’’

उन्होंने बताया कि उस दिन सजावट, दीपमाला, दिनभर भक्ति संगीत और पूजा-अर्चना की जाएगी।

दाती महाराज ने कहा कि असोला में श्री सिद्ध शक्ति पीठ शनिधाम मंदिर परिसर के अंदर मंदिर का निर्माण चल रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘ जिस दिन अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा समारोह होगा, उसी दिन इस मंदिर में भी प्रभु श्री राम की प्रतिमा स्थापित की जाएगी।’’

उन्होंने यह भी बताया कि 17 जनवरी से असोला के नये मंदिर में विभिन्न कार्यक्रम शुरू होंगे जिनका समापन अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दिन 22 जनवरी को होगा।

उच्चतम न्यायालय ने 2019 में अयोध्या में श्रीराम मंदिर के निर्माण के पक्ष में फैसला सुनाया था। अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर में 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उपस्थिति में होने वाले ‘प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह के लिए इस धर्मनगरी को विशेष तरीके से सजाया-संवारा जा रहा है।

यहां लोधी रोड पर स्थित श्री राममंदिर के मंदिर प्रबंधन के प्रवक्ता अजीत झा ने कहा कि उनके मंदिर में प्रतिमाओं को फूलों से सजाया जाएगा तथा सुबह और शाम को प्रार्थना की जाएगी।

उन्होंने यह भी बताया कि मंदिर के द्वारों को दक्षिण की परंपरा के अनुसार केले के पेड़ से सजाया जाएगा।

पंडित लोकेश ने बताया कि कालका मंदिर में दिवाली मनायी जाएगी तथा पूजनोत्सव की रीतियों और मंदिर की सजावट पर विशेष बल दिया जाएगा।

कालकाजी मंदिर समिति इस समारोह के सिलसिले में 12 जनवरी को एक बैठक करेगा तथा 22 जनवरी के कार्यक्रम के लिए सजावट का काम तीव्र गति से जारी है।










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