निर्वाचन आयोग में चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति को लेकर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, अब नहीं चलेगी मनमानी

डीएन ब्यूरो

चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने गुरूवार को का बड़ा फैसला सुनाया है। प्रधानमंत्री, नेता प्रतिपक्ष और मुख्य न्यायाधीश की सिफारिश पर राष्ट्रपति द्वारा चुनाव आयुक्तों के नियुक्ति की जायेगी। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला


नई दिल्ली: निर्वाचन आयोग में चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने गुरूवार को महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। उच्चतम न्यायालय ने कहा कि निर्वाचन आयुक्तों और मुख्य निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति प्रधानमंत्री, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और भारत के प्रधान न्यायाधीश की समिति की सिफारिश पर राष्ट्रपति द्वारा की जाएगी।

उच्चतम न्यायालय ने कहा कि चुनाव निश्चित रूप से निष्पक्ष होने चाहिए। लोकतंत्र में चुनाव में निष्पक्षता बनाए रखनी चाहिए नहीं तो इसके विनाशकारी परिणाम होंगे।

उच्चतम न्यायालय ने कहा कि अगर नेता प्रतिपक्ष मौजूद नहीं हैं तो लोकसभा में सबसे बड़े विपक्षी दल के नेता को निर्वाचन आयुक्तों और मुख्य निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति संबंधी समिति में लिया जाएगा।

उच्चतम न्यायालय ने निर्वाचन आयुक्तों और मुख्य निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति से जुड़े मामले पर सुनवाई करते हुए कहा कि भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) स्वतंत्र व निष्पक्ष तरीके से काम करने के लिए बाध्य है, उसे संवैधानिक ढांचे के भीतर कार्य करना चाहिए।

निर्वाचन आयुक्तों, मुख्य निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति के मामले में उच्चतम न्यायालय की संविधान पीठ ने कहा कि लोकतंत्र नाजुक है और कानून के शासन पर बयानबाजी इसके लिए नुकसानदेह हो सकती है ।

उच्चतम न्यायालय की संविधान पीठ ने व्यवस्था दी कि निर्वाचन आयुक्तों और मुख्य निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति प्रधानमंत्री, नेता प्रतिपक्ष और भारत के प्रधान न्यायाधीश की समिति द्वारा की जाए।

निर्वाचन आयुक्तों, मुख्य निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति के मामले में उच्चतम न्यायालय ने सर्वसम्मत फैसले में चुनाव प्रक्रियाओं में निष्पक्षता सुनिश्चित करने पर जोर देते हुए कहा कि लोकतंत्र लोगों की इच्छा से जुड़ा है।










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