Navratri Day 3: तीसरे दिन होगी मां चंद्रघंटा की पूजा, जानें प्रसिद्ध मंदिर

नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा का विधान है। जानें भारत में मौजूद चंद्रघंटा माता के प्रमुख मंदिर के बारे में। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 4 October 2024, 6:57 PM IST
google-preferred

नई दिल्ली: नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा (Maa Chandraghanta) की पूजा की जाती हैं। यह देवी दुर्गा का तीसरा स्वरूप हैं, जो शौर्य, वीरता और साहस का प्रतीक मानी जाती हैं। मां चंद्रघंटा के मस्तक पर अर्धचंद्र सुशोभित होता है, जिससे उनका नाम पड़ा। वे दस हाथों में शस्त्र धारण करती हैं और सिंह पर सवार रहती हैं, जो उनकी युद्ध क्षमता और शांति का संतुलन दर्शाता है।

दूध से बनी मिठाई का लगाए भोग

मां चंद्रघंटा की पूजा करने से साधक को साहस, शांति और मानसिक संतुलन प्राप्त होता है। उनकी कृपा से जीवन में आने वाली सभी बाधाएं दूर होती हैं और साधक में आत्मविश्वास का संचार होता है। इस दिन उन्हें दूध से बनी मिठाई और सफेद फूल अर्पित किए जाते हैं। मान्यता है कि मां चंद्रघंटा की उपासना से व्यक्ति की नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और जीवन में सुख-समृद्धि का वास होता है।

मां चंद्रघण्टा का प्रभावशाली मंत्र

ॐ देवी चन्द्रघण्टायै नमः॥

स्तुति

या देवी सर्वभू‍तेषु माँ चन्द्रघण्टा रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

मां चंद्रघंटा का प्रसिद्ध मंदिर

प्रयागराज (Prayagraj) में मां चंद्रघंटा का प्रसिद्ध मंदिर (Famous Temple) है। यह मंदिर त्रिवेणी संगम पर स्थित है और इसे मां क्षेमा माई मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। पुराणों में इस मंदिर का विशेष उल्लेख है। इस मंदिर में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों के दर्शन एक साथ किए जा सकते हैं। ऐसा माना जाता है कि यहां दर्शन करने से मानसिक और शारीरिक तनाव दूर होता है। नवरात्रि के दिनों यहां भक्तों की बहुत भीड़ रहती है। 

अगर आप युवा है और नौकरी की तलाश कर रहे हैं तो आप हमारी 'युवा डाइनामाइट' को विजिट कर सकते हैं। 
https://www.yuvadynamite.com/

No related posts found.