सेबी प्रमुख ने किर्लोस्कर इंडस्ट्रीज मामले में शेयरों को मुफ्त करने में विफल रहने पर अफसोस जताया
भारतीय प्रतिभूति एवं विनियम बोर्ड (सेबी) की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच ने शुक्रवार को कहा कि बाजार नियामक को इस बात का गहरा अफसोस है कि सैट के निर्देश के बावजूद किर्लोस्कर इंडस्ट्रीज लिमिटेड (केआईएल) में किर्लोसकर परिवार को शेयरों को मुक्त नहीं किया गया। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
नयी दिल्ली: भारतीय प्रतिभूति एवं विनियम बोर्ड (सेबी) की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच ने शुक्रवार को कहा कि बाजार नियामक को इस बात का गहरा अफसोस है कि सैट के निर्देश के बावजूद किर्लोस्कर इंडस्ट्रीज लिमिटेड (केआईएल) में किर्लोसकर परिवार को शेयरों को मुक्त नहीं किया गया।
बुच ने यहां भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) वैश्विक आर्थिक मंच के मौके पर यह बात कही।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि खातों से (डीफ्रीज) रोक हटाने में देरी के मामले में जो हुआ, वह अस्वीकार्य था। वजह चाहे जो भी हो, यह सेबी की जिम्मेदारी थी। जो हुआ, उसका हमें गहरा अफसोस है।’’
यह भी पढ़ें |
सेबी की ऋण प्रतिभूतियों के सार्वजनिक निर्गम की 'फास्ट ट्रैक' संकल्पना लाने की योजना
इसके अलावा, उन्होंने कहा कि सेबी ने इस संबंध में पूरी प्रक्रिया की समीक्षा शुरू कर दी है।
उन्होंने कहा, ‘‘30-45 दिन के अंदर हम इस प्रक्रिया को नया रूप देंगे। इसलिए आगे ऐसा होने का खतरा पूरी तरह से कम हो जाएगा।’’
इससे पहले प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण (सैट) ने इस मामले में मंगलवार को सेबी की खिंचाई की थी। इसके बाद सेबी प्रमुख की यह प्रतिक्रिया आई है।
यह भी पढ़ें |
सेबी ने ऋण प्रतिभूतियों के खुलासा प्रावधान में किए ये बड़े बदलाव, जानिये पूरा अपडेट