Sand Mining In Bihar: बिहार में रेत माफियाओं के सामने पुलिस हुई लाचार, अवैध खनन जोरों पर

बालू माफियाओं के ट्रैक्टर सरकार की नाक के नीचे खुले में सड़कों पर दौड़ रहे हैं और सरकार के राजस्व को नुक्सान पहुंचा रहे हैं। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 21 December 2023, 5:52 PM IST
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पटना: बिहार में बेलगाम और बखौफ होते बालू माफिया पर सरकार नकेल नहीं कस पा रही है। पुलिस तथा खनन विभाग के लाख दावे के बावजूद अवैध बालू खनन का कारोबार थमने का नाम नहीं ले रहा है। प्रशासन और पुलिस की नाक के नीचे नदियों से बालू का अवैध खनन  बदस्तूर जारी है।

सरकार की सख्ती के बावजूद बालू माफियाओं के बालू के ट्रैक्टर सड़कों पर बेखौफ दौड़ रहे हैं। नदियों से हो रही अवैध बालू की निकासी और बालू से लदे ट्रैक्टरों पर नकेल कसने के प्रशासनिक दावे खोखले साबित हो रहे हैं।

बालू माफिया दिन के उजाले में भी लगातार बकरा, घाघी, परमान व नूना नदी से बालू निकाल कर सरकार के राजस्व को नुकसान पहुंचा रहे हैं। सुबह से लेकर देर रात तक इन नदियों में बालू का अवैध खनन करते देखा जा सकता है। यहां तक कि नूना नदी के कई घाटों से बेरोकटोक रेत निकाली जा रही है। लोगों का कहना है कि खनन माफिया और

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार प्रशासन के गठजोड़ से हर रोज दर्जनों टेलर बालू निकासी की जा रही है। जहां बालू लदे ट्रैक्टरों की धमाचौकड़ी से स्थानीय लोग परेशान रहते हैं। वहीं तेजी से बालू डंप करने की आपाधापी में दुर्घटना की संभावना हमेशा बनी रहती है।

लोगों का कहना कि खनन माफियाओं और पुलिस की सांठगांठ से अवैध खनन का धंधा चल रहा है। इसी वजह से सहायक थाने की पुलिस बालू लदे ट्रैक्टरों को देखकर कोई कार्रवाई नहीं करती है।
कुर्साकांटा  के सीओ श्यामसुंदर ने कहा कि हमें जहां से भी अवैध खनन की जानकारी प्राप्त होती हैं, कार्रवाई की जाती है।अवैध खनन करनेवालों पर प्रशासनिक कार्रवाई निश्चित है।

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