Organic Farming in Bihar: 14 फरवरी को मुजफ्फरपुर जाएंगे RSS के सर संघचालक मोहन भागवत, जानिये उनकी इस यात्रा का खास मकसद

डीएन ब्यूरो

बिहार के मुजफ्फरपुर में स्थित औराई के लोग आजकल खास तैयारियों में जुटे हुए हैं। दरअसल, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सर संघचालक मोहन भागवत 14 फरवरी को उनके गांव में आने वाले हैं। जानिये उनके इस कार्यक्रम का खास मकसद

मोहन भागवत की यह यात्रा उनके अन्य दौरों से अलग और नई
मोहन भागवत की यह यात्रा उनके अन्य दौरों से अलग और नई


मुजफ्फरपुर: बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में स्थित औराई के ग्रामीण आजकल कुछ खास तैयारियों में जुटे हुए हैं और यहां देववती जैविक उद्यान राजखंड में अन्य दिनों की अपेक्षा काफी हलचल है। यहां के लोगों का उत्साह देखते ही बनता है। दरअसल, 14 फरवरी को यहां राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सर संघचालक मोहन भागवत पधारने वाले हैं, जिस कारण औराईवासी खासे उत्साहित हैं और मोहन भागवत के भव्य अभिनंदन की तैयारियों में जुटे हुए हैं। मोहन भागवत का यह दौरा भी बेहद खास उद्देश्य के लिये है। 

मोहन भागवत के यहां आने का मकसद उनके अन्य दौरौं से एकदम अलग और नया है। दरअसल, 1973 से संघ के कार्यकर्ता रहे राजखंड निवासी गोपाल प्रसाद शाही ने कुछ कर दिखाया है, वह लाखों लोगों और युवाओं को प्रेरित करने वाला है। गोपाल प्रसाद शाही की इसी मेहनत और हुनर को देखने-सराहने के लिये मोहन भागवत यहां के देववती जैविक उद्यान राजखंड,खेतलपुर आ रहे हैं, जहां मोहन भागवत के अभिनंदन की तैयारियां जोरों पर है।

गोपाल प्रसाद शाही ने यहां जैविक खेती करके पूरे क्षेत्र की तस्वीर और तकदीर को बदलने में लगे हुए हैं। पहली बार जैविक खेती करने पर सामने आई परेशानियों से जूझने के बाद गोपाल आज के होनहार किसान के साथ सभी के लिये प्रेरणा का स्रोत बन चुके हैं। गोपाल की प्रेरणा से क्षेत्र के अन्य लोग भी जौविक खेती कर रहे हैं और क्षेत्र को आर्थिक उन्नित व समृद्धि के मार्ग पर निरंतर आगे बढ़ा रहे हैं। 14 फरवरी को मोहन भागवत यहां औराई के लोगों की जैविक खेती को देखेंगे।

वर्ष 2011 में जैविक खेती की शुरूआत करने वाले गोपाल शाही को शुरूआत में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। 2014 में उन्होंने देववती जैविक उद्यान की स्थापना कर साढ़े बारह एकड़ जमीन से जैविक खेती की शुरुआत की। इसके बाद वे 2015 में स्वामी रामदेव के पतंजलि पीठ घूमने गए तो वहां की खेती से प्रेरणा लेकर उन्होंने इसे अपने जीवन में उतारने का प्रयास किया। इसके बाद उन्होंने देववती जैविक उद्यान में मसूर, राई, फल, सब्जी, सिम, कद्दू, बैगन, करैला, नर्सरी समेत दर्जनों प्रकार के फल के पौधे लगाए गए। 

गोपाल शाही आज कई तरह के फल-फूल और सब्जियों के उत्पादन से शानदार मुनाफा कमा रहे हैं। उनके इस काम से प्रेरित होकर कई युवा और लोग भी जैविक खेती को अपना रहे हैं और गोपाल शाही के जुड़े हुए हैं। सामान्य खेती की अपेक्षा कई गुना अधिक उत्पादन करके लोग आर्थिक रूप से भी मजबूत हो रहे हैं। मोहन भागवत समेत कई लोगों द्वारा उनकी जैविक खेती को देखने आने की सूचना से  गोपाल शाहीजी भी अन्य लोगों के साथ गदगद और उत्साहित हैं।










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