उमेश पाल हत्याकांड के आरोपियों पर घोषित ईनाम की राशि बढ़ाई गई

डीएन ब्यूरो

उत्तर प्रदेश पुलिस ने गैंगस्टर और पूर्व सांसद अतीक अहमद के बेटे तथा उमेश पाल हत्याकांड के आरोपी असद समेत पांच लोगों के बारे में सूचना देने वाले के लिए ईनाम की राशि सोमवार को दोगुनी करके पांच-पांच लाख रुपये कर दी।

उमेश पाल हत्याकांड (फाइल फोटो)
उमेश पाल हत्याकांड (फाइल फोटो)


लखनऊ: उत्तर प्रदेश पुलिस ने गैंगस्टर और पूर्व सांसद अतीक अहमद के बेटे तथा उमेश पाल हत्याकांड के आरोपी असद समेत पांच लोगों के बारे में सूचना देने वाले के लिए ईनाम की राशि सोमवार को दोगुनी करके पांच-पांच लाख रुपये कर दी।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को बताया कि असद के अलावा अन्य चार आरोपी अरमान, गुलाम, गुड्डू और साबिर हैं।

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल और उनके पुलिस सुरक्षा कर्मी संदीप निषाद की 24 फरवरी को प्रयागराज के धूमनगंज इलाके में उनके घर के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।

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पूर्व सांसद अतीक अहमद राजू पाल हत्याकांड का मुख्य आरोपी है और गुजरात की जेल में बंद है।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने 'पीटीआई-भाषा' को बताया कि प्रयागराज में उमेश पाल की हत्या में शामिल पांच लोगों की गिरफ्तारी या सूचना देने पर ईनाम की राशि ढाई-ढाई लाख रुपये से बढ़ाकर पांच-पांच लाख रुपये कर दी गई है।

उमेश पाल की पत्नी जया पाल की शिकायत के आधार पर धूमनगंज थाने में अतीक अहमद, उसके भाई अशरफ, पत्नी शाइस्ता परवीन, दो बेटों, सहयोगी गुड्डू मुस्लिम और गुलाम तथा नौ अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।

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उन पर भारतीय दंड विधान की धारा 147 (दंगा), 148 (घातक हथियार से लैस होकर बलवा), 149 (गैरकानूनी सभा), 302 (हत्या), 307 (हत्या का प्रयास), 506 (आपराधिक धमकी) और 120बी (आपराधिक साजिश) और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम और आपराधिक कानून संशोधन अधिनियम के सुसंगत प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है।

मुकदमा दर्ज कराने वाली जया पाल ने दावा किया कि उनके पति राजू पाल हत्याकांड में मुख्य गवाह थे। वर्ष 2006 में अतीक अहमद और उसके सहयोगियों ने उनका अपहरण कर लिया और उन्हें अपने पक्ष में अदालत में बयान देने के लिए मजबूर किया था। उमेश पाल ने इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई थी। गत 24 फरवरी को इस मामले में सुनवाई हुई थी, जिसे लेकर उमेश पाल, उनका भतीजा व दो सुरक्षाकर्मी संदीप निषाद व राघवेंद्र सिंह अदालत गए थे। उमेश पाल की उनके आवास के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।

इस घटना के कुछ दिनों बाद प्रयागराज में पुलिस के साथ अलग-अलग मुठभेड़ों में मामले के अभियुक्त अरबाज़ और उस्मान उर्फ ​​विजय चौधरी मुठभेड़ में मारे गए थे।










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