अयोध्या में 'रामायण आध्यात्मिक वन' से वनवास काल के बारे पता लगेगा

डीएन ब्यूरो

अयोध्या की यात्रा पर आने वाले श्रद्धालु जल्द ही इस शहर में सरयू नदी के तट पर बन रहे ‘‘रामायण आध्यात्मिक वन’’ में भगवान राम के 14 साल के वनवास काल के बारे में अधिक जानकारी हासिल कर सकेंगे। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

रामायण आध्यात्मिक वन
रामायण आध्यात्मिक वन


नयी दिल्ली: अयोध्या की यात्रा पर आने वाले श्रद्धालु जल्द ही इस शहर में सरयू नदी के तट पर बन रहे ‘‘रामायण आध्यात्मिक वन’’ में भगवान राम के 14 साल के वनवास काल के बारे में अधिक जानकारी हासिल कर सकेंगे।

पारिस्थितिक वन क्षेत्र एक खुले संग्रहालय जैसा होगा और यह अयोध्या ‘मास्टर प्लान’ का हिस्सा है।

अयोध्या पुनर्विकास परियोजना के मुख्य योजनाकार दीक्षु कुकरेजा ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘भगवान राम, रामायण और अयोध्या के साथ सरयू नदी हिंदू धर्म का महत्वपूर्ण हिस्सा रही है। प्रस्तावित आध्यात्मिक वन नदी तट का विस्तार है, जिसे पर्यावरण-अनुकूल वन के रूप में तैयार किया गया है।’’

उन्होंने बताया कि इस आध्यात्मिक वन को रामायण की विषयवस्तु पर विकसित किया गया है, जिसमें विशेष रूप से वनवास अवधि के दौरान श्री राम की यात्रा को दर्शाया गया है।

अयोध्या में राम मंदिर का पहला चरण पूरा होने वाला है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 22 जनवरी को इसके ‘प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह में हिस्सा लेंगे।

कुकरेजा ने कहा, ‘‘एक पारिस्थितिक वन में राम के वनवास काल का अनुभव प्रदान करने की कल्पना करते हुए, यह न केवल भक्तों को बल्कि पर्यटकों और प्रकृति प्रेमियों को भी आकर्षित करेगा। यह आध्यात्मिकता, संस्कृति और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देगा।’’

‘मास्टर प्लान’ के अनुसार शहर को उन्नत करने के लिए 85 हजार करोड़ रुपये से अधिक के निवेश के साथ अयोध्या का पुनर्विकास 10 वर्ष में पूरा किया जाएगा।

कुकरेजा ने कहा, ‘‘सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) योजना के माध्यम से रामायण आध्यात्मिक वन का विकास किया जा रहा है।’’

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार अयोध्या में एक सड़क परियोजना ‘‘भ्रमण पथ’’ सरयू को राम मंदिर से जोड़ेगी। यह परियोजना वाराणसी में काशी विश्वनाथ गलियारे के समान है। राम पथ, भक्ति पथ और राम जन्मभूमि पथ के बाद भ्रमण पथ अयोध्या में चौथी सड़क परियोजना होगी।










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