किसानों का देश भर में 'रेल रोको' आंदोलन, लखनऊ में धारा-144 लागू, जानिये आम आदमी पर इस प्रदर्शन का प्रभाव
यूपी में गत दिनों हुई लखीमपुर खीरी हिंसा समेत तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठन आज देश भर में रेल रोको अभियान चला रहे हैं। किसान रेल ट्रैक्स पर बैठकर प्रदर्शन कर रहे हैं। पढ़िये पूरी रिपोर्ट
नई दिल्ली/लखनऊ: तीन कृषि कानूनों समेत यूपी में गत दिनों हुई लखीमपुर खीरी हिंसा के खिलाफ किसान संगठनों आज देश भर में रेल रोको अभियान चलाने का ऐलान किया है। किसान रेल ट्रैक्स पर बैठकर प्रदर्शन कर रहे हैं, जिस कारण भारतीय रेलवे ने कई ट्रेनों के संचालन को रोक दिया गया है। किसान के रेल रोको आंंदोलन के कारण कुछ रूट्स पर ट्रेनों का आवागमन बाधित होने से यात्रियों और आम आदमी को बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। यूपी की राजधानी लखनऊ में धारा-144 लगाई गई है। आज यूपी के एक दिवसीय विशेष विधानसभा सत्र चल रहा है।
किसानों के रेल रोको आंदोलन के मद्देनजर प्रशासन और सुरक्षा बल कई क्षेत्रों में मुस्तैद है। हरियाणा के पानीपत, कैथल, करनाल, कुरुक्षेत्र, जींद, यमुनानगर, अंबाला में रेल रोको आंदोलन को लेकर सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किये गये हैं। किसान संगठनों की मानें तो आंदोलन को सफल बनाने के लिए ड्यूटी निर्धारित कर दी गई हैं।
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किसानों के रेल रोको आंदोलन के चलते यात्रियों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। आंदोलन के चलते कई ट्रेनें प्रभावित रहेंगी। उत्तर पूर्वी रेलवे (North Eastern Railway) ने दिल्ली-यूपी रूट की कुछ ट्रेनों को रद्द करने का ऐलान किया है तो वहीं, कई ट्रेनों के रूट डायवर्ट किए हैं। ऐसे में यात्रियों को सलाह दी जाती है कि वे भारतीय रेलवे से ट्रेनों की पूरी जानकारी लेकर ही यात्रा का प्लान करें।
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संयुक्त किसान मोर्चा ने पहले से ही आज देशव्यापी रेल रोको कार्यक्रम का एलान किया था। सुबह 10 से शाम चार बजे के बीच छह घंटे के लिए रेल यातायात बाधित करने का फैसला लिया गया है। मोर्चा ने स्पष्ट किया है कि इस दौरान रेल संपत्ति को किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा और विरोध पूरी तरह शांतिपूर्ण बनाए रखने की सभी संगठनों से अपील की है।