Rahul Gandhi Manipur Visit: राहुल गांधी दो दिन के दौरे पर मणिपुर पहुंचे, पुलिस ने इंफाल से पहले रोका काफिला, जानिये ये अपडेट
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पूर्वोत्तर के हिंसा प्रभावित राज्य मणिपुर के अपने दो दिवसीय दौरे के लिए बृहस्पतिवार को इंफाल पहुंचे। लेकिन पुलिस ने उनके काफिले को इंफाल से 20 किलोमीटर पहले रोक दिया।
इंफाल: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पूर्वोत्तर के हिंसा प्रभावित राज्य मणिपुर के अपने दो दिवसीय दौरे के लिए बृहस्पतिवार को इंफाल पहुंचे। लेकिन पुलिस ने उनके काफिले को इंफाल से 20 किलोमीटर पहले रोक दिया।
डाइनामाइट न्यूज़ संवददाता के मुताबिक राहुल गांधी के काफिले को मणिपुर पुलिस ने बिष्णुपुर में रोक दिया। वे इंफाल पहुंचने के बाद चुराचांदपुर जिले के लिए रवाना हुए थे, जहां उनके हिंसा के कारण विस्थापित हुए लोगों से राहत शिविरों में मिलने की योजना है।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि रास्ते में हिंसा की आशंका के चलते काफिले को रोका गया।
कांग्रेस पदाधिकारी आगे बढ़ने के वास्ते सुरक्षित रास्ता सुनिश्चित करने के लिए पुलिस और सेना अधिकारियों से बात कर रहे हैं।
यह भी पढ़ें |
Rahul Gandhi Manipur Visit: मणिपुर में राहुल गांधी के काफिले को रोकने पर कांग्रेस हुई हमलावर, केंद्र पर लगाये ये बड़े आरोप
प्रस्तावित कार्यक्रम के अनुसार राहुल पूर्वोत्तर राज्य में हुई जातीय हिंसा के कारण विस्थापित हुए लोगों से मिलने के लिए राहत शिविरों का दौरा करेंगे।
मणिपुर में इस साल मई में जातीय संघर्ष शुरू होने के बाद से 300 से अधिक राहत शिविरों में करीब 50,000 लोग रह रहे हैं।
कांग्रेस पार्टी से जुड़े सूत्रों ने बताया कि राहुल गांधी की शुक्रवार को इंफाल में राहत शिविरों का दौरा करने और बाद में कुछ नागरिक संगठनों के सदस्यों से बातचीत करने की भी योजना है।
मणिपुर में तीन मई को शुरू हुई हिंसा के बाद, यह कांग्रेस नेता का पूर्वोत्तर के इस राज्य का पहला दौरा है।
गौरतलब है कि मणिपुर में मेइती और कुकी समुदाय के बीच मई की शुरुआत में भड़की जातीय हिंसा में 100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।
मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद झड़पें शुरू हुई थीं।
मणिपुर की 53 प्रतिशत आबादी मेइती समुदाय की है और यह मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहती है। वहीं, नगा और कुकी जैसे आदिवासी समुदायों की आबादी 40 प्रतिशत है और यह मुख्यत: पर्वतीय जिलों में रहती है।