DN Exclusive: PNB की साख पर फिर उठे सवाल, एक और अफसर को CBI ने रिश्वत लेते किया गिरफ्तार

डीएन ब्यूरो

दिल्ली में बैठे पंजाब नेशनल बैंक के सर्वोच्च अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर एक बार फिर सवालिया निशान उठ खड़ा हुआ है। घूस लेते हुए पीएनबी का एक और अफसर CBI के हत्थे चढ़ा है। डाइनामाइट न्यूज़ एक्सक्लूसिव:

पीएनबी मैनेजर को सीबीआई ने किया गिरफ्तार
पीएनबी मैनेजर को सीबीआई ने किया गिरफ्तार


नई दिल्ली: भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के द्वारा भले ही विजिलेंस डिपार्टमेंट, विजिलेंस मैनुअल, विजिलेंस डैशबोर्ड, टीएमएसएसी, पीएनबी विजिल जैसे कई अभियान शुरू किये गये हों लेकिन लगता है कि पीएनबी के बड़े अफ़सरान दिल्ली के वातानुकूलित कमरों में बैठकर इन पर अमल कराना भूल जाते हैं। जिम्मेदार अफसरों की लापरवाही से बैंक के कर्मचारी ही पीएनबी के विजिलेंस सिस्टम को हाईजैक करने में जुटे हुए हैं जिस कारण हाल के दिनों में पीएनबी से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले लगातार मीडिया की सुर्खियों में है और मैनेजमेंट चुपचाप तमाशा देख रहा है।

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CBI का ताबड़तोड़ एक्शन
देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी सीबीआई लगातार पीएनबी के अफसरों को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ जेल भेज रही है। इससे पंजाब नेशनल बैंक की जमकर बदनामी हो रही है और इसके मैनेजमेंट पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक अभी पिछले महीने ही सीबीआई ने पीएनबी के एक बैंक मैनेजर को यूपी के बागपत में रिश्वतखोरी में गिरफ्तार कर जेल भेजा था। यह मामला अभी ठंडा ही नहीं पड़ा था कि शनिवार को यूपी के कुशीनगर जिले में पीएनबी के एक और शाखा प्रबंधक को घूस लेते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया और जेल भेजा। छितौनी शाखा का यह प्रबंधक पीएम की बेहद महत्वाकांक्षी स्कीम 'प्रधानमंत्री मुद्रा योजना' को भी नहीं बख्शा और इसमें भी रिश्वतखोरी कर डाली। लखनऊ से पहुंची सीबीआई की टीम ने भ्रष्टाचार की शिकायत के बाद पंजाब नेशनल बैंक के मैनेजर सौरभ कुमार राजवंशी को मुद्रा लोन के लिए 10 हजार रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया।

पिछले महीने ही पीएनबी का मैनेजर चढ़ा था सीबीआई के हत्थे
डेढ़ माह पहले उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में पीएनबी के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला सामने आया था। बागपत जिले की खेकड़ा शाखा के प्रबंधक ललित को 5 लाख रूपये लोन के एवज में शुभम धामा नाम के किसान से 25 हजार रूपये रिश्वत लेते रंगे हाथों का गिरफ्तार किया गया था। तब भी पीएनबी की बड़ी बदनामी हुई थी।

PNB के वर्क कल्चर पर उठे सवाल
दिल्ली स्थित पंजाब नेशनल बैंक के मुख्यालय में बैठे अफसरों की कार्यसंस्कृति पर गंभीर सवाल खड़े हो गये हैं। सीबीआई के ताबड़तोड़ एक्शन के बाद सवाल उठ खड़ा हुआ है कि आखिर ये बड़े अफसर दिन भर करते क्या हैं? वे क्यों नहीं बैंक के अंदर फैली भ्रष्टाचार की जड़ को समाप्त कर पा रहे हैं? कहीं ऐसा तो नहीं कि इस खेल में कुछ और भी है जो दिख नहीं रहा?

तमाम मामले में तो संज्ञान में ही नहीं आते
देश में प्रदीप कुशवाहा और शुभम धामा जैसे व्यापारी और किसान बेहद कम होते है, जो रिश्वत मांगने की शिकायत करने का साहस जुटा पाते हैं। तमाम लोग तो शिकायत ही नहीं करते जिससे इस तरह के मामले लोगों की जानकारी में ही नहीं आ पाते। 

हर महीने करोड़ों रुपये मार्केटिंग और ब्रांडिंग पर लूटा रहा है PNB
दिल्ली में बैठा पंजाब नेशनल बैंक का मैनेजमेंट मार्केटिंग और ब्रांडिंग के नाम पर हर महीने करोड़ों रुपये खर्च कर रहा है। दिल्ली जैसे बड़े-बड़े शहरों में अनगिनत आउटडोर होर्डिंग्स जगह-जगह देखने को मिल रहे हैं। मेट्रो ट्रेनों में भी पीएनबी की मार्केटिंग दिखेगी। एआरपोर्ट से लेकर रेलवे स्टेशन के रास्तों और सड़कों पर प्रचार दिखेंगे लेकिन इन सबका क्या लाभ जब सीबीआई रिश्वतखोरी में बैंक के कामकाज की पोल खोल दे रही है। अखबारों के विज्ञापनों के तो कहने ही क्या? हर जगह आपको जबरदस्त खर्चे करते विज्ञापन दिखेंगे। बड़ा सवाल यह है कि जनता के बीच बैंक की गिरती छवि को मैनेजमेंट कैसे रोकेगा? यह देखना दिलचस्प होगा।










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