Uttar Pradesh: अमेठी में संजय गांधी अस्पताल के लाइसेंस निलंबन के खिलाफ धरना-प्रदर्शन जारी, जानिये पूरा मामला

डीएन ब्यूरो

कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता वाले ट्रस्ट द्वारा संचालित संजय गांधी अस्पताल, अमेठी के लाइसेंस के निलंबन के खिलाफ कर्मचारियों और राजनीतिक दलों का अलग-अलग धरना बुधवार को भी जारी रहा। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

अमेठी में कर्मचारियों का धरना
अमेठी में कर्मचारियों का धरना


अमेठी: कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता वाले ट्रस्ट द्वारा संचालित संजय गांधी अस्पताल, अमेठी के लाइसेंस के निलंबन के खिलाफ कर्मचारियों और राजनीतिक दलों का अलग-अलग धरना बुधवार को भी जारी रहा।

लाइसेंस निलंबन के विरोध में मंगलवार को 400 से अधिक कर्मचारियों ने अस्पताल के गेट पर अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया। वहीं, कांग्रेस नेता दीपक सिंह ने सोमवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय पर ‘सत्याग्रह’ शुरू किया था।

समाजवादी पार्टी (सपा) और आम आदमी पार्टी (आप) इस मुद्दे पर कांग्रेस का समर्थन कर रही हैं।

संजय गांधी अस्पताल के लाइसेंस के निलंबन का मामला उच्च न्यायालय भी पहुंच चुका है।

संजय गांधी अस्पताल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अवधेश शर्मा ने कहा कि अस्पताल का लाइसेंस निलंबित करने के स्वास्थ्य विभाग के फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय में सुनवाई होगी।

उन्होंने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि अस्पताल और अमेठी को अदालत से न्याय मिलेगा।’’

संजय गांधी अस्पताल का लाइसेंस 17 सितंबर को दिव्या शुक्ला नामक महिला की मौत के बाद 18 सितंबर को निलंबित कर दिया गया था। महिला रोगी को 14 सितंबर को प्रसव के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उसके पति ने दावा किया कि ऑपरेशन के दौरान उसे एनेस्थीसिया की अधिक मात्रा दी गई थी, जिससे उसकी हालत बिगड़ गई और अंततः उसकी मृत्यु हो गई।

संजय गांधी अस्पताल का संचालन दिल्ली स्थित संजय गांधी मेमोरियल ट्रस्ट करता है। कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी इस ट्रस्ट की अध्यक्ष हैं तथा पार्टी नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी इसके सदस्य हैं।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी अंशुमान सिंह ने कहा कि महिला के ससुर राम कुमार पांडे ने पुलिस और स्वास्थ्य विभाग में शिकायत दर्ज कराई है और कथित लापरवाही के लिए जनता अस्पताल के डॉक्टरों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी राम प्रसाद के नेतृत्व में तीन डॉक्टरों की टीम ने जांच की थी जिसमें अस्पताल की लापरवाही पाई गई और उसका लाइसेंस निलंबित कर दिया गया।

कांग्रेस के पूर्व विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) दीपक सिंह ने मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय पर अपना ‘‘सत्याग्रह’’ जारी रखते हुए कहा कि यह तब तक जारी रहेगा, जब तक संजय गांधी अस्पताल में सेवाएं फिर से शुरू नहीं हो जाती और जिले के अन्य सरकारी अस्पतालों में सुविधाओं में सुधार नहीं हो जाता।

इस बीच मंगलवार को समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष राम उदित यादव मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय पहुंचे और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ धरने पर बैठ गये।

लाइसेंस निलंबन के फैसले का विरोध करते हुए 400 से अधिक कर्मचारियों और डॉक्टरों ने मंगलवार को अस्पताल गेट पर अनिश्चितकालीन आंदोलन भी शुरू कर दिया।

संजय गांधी अस्पताल कर्मचारी संघ के अध्यक्ष संजय सिंह ने कहा, ‘‘राजनीतिक द्वेष के कारण अस्पताल को बंद कर दिया गया है। अस्पताल में 400 से अधिक कर्मचारी और डॉक्टर काम करते हैं, अस्पताल बंद होने से वे सभी बेरोजगार हो गये है और उन्हें आजीविका के संकट का सामना करना पड़ रहा है।’’

सिंह ने कहा कि इस अस्पताल में प्रतिदिन करीब 800 मरीज इलाज के लिए आते थे।

इससे पहले, अस्पताल का लाइसेंस निलंबित करने को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद वरुण गांधी और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने क्रमश: उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अलग-अलग पत्र लिखकर फैसले पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया था।










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