Assam: निर्दलीय विधायक अखिल गोगोई को एनआईए मामले में गिरफ्तारी से 13 मार्च तक संरक्षण

डीएन ब्यूरो

उच्चतम न्यायालय ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए)-विरोधी प्रदर्शनों और माओवादियों से कथित संबंध के एक मामले में असम के निर्दलीय विधायक अखिल गोगोई को गिरफ्तारी से मिले संरक्षण की अवधि शुक्रवार को 13 मार्च तक बढ़ा दी। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

उच्चतम न्यायालय
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नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए)-विरोधी प्रदर्शनों और माओवादियों से कथित संबंध के एक मामले में असम के निर्दलीय विधायक अखिल गोगोई को गिरफ्तारी से मिले संरक्षण की अवधि शुक्रवार को 13 मार्च तक बढ़ा दी।

सीएए के विरोध के दौरान केंद्र सरकार के खिलाफ काफी मुखर रहे गोगोई ने गौहाटी उच्च न्यायालय के नौ फरवरी के उस आदेश के खिलाफ शीर्ष अदालत का रुख किया था, जिसमें इसने असम की विशेष एनआईए अदालत को उनके (गोगोई के) खिलाफ दो में से एक मामले में आरोप तय करने की अनुमति दी थी।

न्यायमूर्ति वी रामासुब्रमण्यन और न्यायमूर्ति पंकज मित्तल की पीठ ने याचिकाकर्ता के वकील के उपलब्ध न होने के कारण मामले को 13 मार्च के लिए टाल दिया।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार पीठ ने कहा, ‘‘अगली तारीख तक अंतरिम संरक्षण जारी रहेगा।’’

राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने इससे पहले शीर्ष अदालत से कहा था कि गोगोई को जमानत नहीं दी जा सकती क्योंकि वह राज्य में माओवादी गतिविधियों के कथित सरगना हैं, हालांकि विधायक ने कहा था कि उनके खिलाफ मामले ‘राजनीतिक प्रतिशोध’ का परिणाम थे।

इससे पहले, उच्च न्यायालय ने एनआईए को गोगोई और उनके तीन सहयोगियों के खिलाफ विशेष अदालत में सीएए-विरोधी प्रदर्शनों और माओवादियों से कथित संबंध के मामले में आरोप तय करने की अनुमति दी थी।

गोगोई के तीन सह-आरोपियों में ढैज्या कोंवर, बिट्टू सोनोवाल और मानश कोंवर शामिल थे। इन सभी को एनआईए मामले में जमानत मिल गई और वे जेल से बाहर हैं।










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