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मुजफ्फरनगर की बड़ी खबर: प्राइमरी टीचर के शव को जिंदा दर्शाकर जिला अस्पताल किया रेफर, जानिए क्या है पूरा मामला

यूपी के मुजफ्फरनगर थाना मंसूरपुर क्षेत्र में प्राइमरी शिक्षक की मौत के बाद शव को जिंदा दर्शाकर हायर सेंटर रेफर किया। पढ़ें डाइनामाइट न्यूज़ की यह रिपोर्ट
Post Published By: डीएन ब्यूरो
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मुजफ्फरनगर की बड़ी खबर: प्राइमरी टीचर के शव को जिंदा दर्शाकर जिला अस्पताल किया रेफर, जानिए क्या है पूरा मामला

मुजफ्फरनगर: उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर से एक बड़ी खबर सामने आई है, जहां एक मृतक प्राइमरी क्लास के टीचर को जिंदा दर्शाकर हायर सेंटर रेफर किया गया। जिसके बाद पुलिस ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र शाहपुर के चिकित्सा अधिकारी के खिलाफ मामला दर्ज किया और आपराधिक साजिश रचने का आरोप लगाया।

डाइनामाइट न्यूज़ के संवाददाता के अनुसार निरीक्षक अपराध ने सीएमओ को पत्र लिखकर चिकित्सक अधिकारी के विरुद्ध विभागिय जांच कराने की मांग की। जिसके बाद पूरा मामला ही पलट गया। सक्कापुर जनपद गाजीपुर के कंपोजिट विद्यालय में शिक्षक पद पर नियुक्त अमरीश थाना मंसूरपुर क्षेत्र के गांव पुरबालियान के  निवासी थे।

साल 2024 में अमरीश की तबीयत खराब होने से उसे जनपद मऊ के फतिमा अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती कराया था। जहां उनकी मृत्यु पिछले साल 17 मई को हो गई थी। मृतक की पत्नी प्रीति भी जनपद में ही रहती थी। 

निधन की खबर मिलते ही प्रीति शव को अपने ससुराल पुरबालियान ले गई थी, जिसके बाद परिजनों से शव को जिंदा बताकर 108 एंबुलेंस की मदद से शव को सीएचसी शाहपुर ले गई। वहां से अमरीश के शव को जिला अस्पताल रेफर किया गया, जहां फिर उसे मृत घोषित कर दिया।

इस मामले को लेकर अमरीश के पिता मलखान सिंह ने थाना मंसूरपुर में हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था। यह मुकदमा उन्होंने सीजेएम कोर्ट के आदेश पर कराया था। अमरीश की मृत्यु को लेकर पत्नी प्रीति, उसके चचेरे भाई शुभम और सहनपाल निवासी सोहजनी तगान पर आरोप था कि उन्होंने जहर देकर शिक्षक की हत्या की और फातिमा अस्पताल मऊ से फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनाया। 

जिसके बाद पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करके जांच शुरू कर दी थी। इस मामले की जांच थाना मंसूरपुर के अपराध निरीक्षक मिथुन दीक्षित ने की थी। जांच के दौरान उन्हें कोई सबूत नहीं मिला, जिसके बाद उन्होंने प्रीति, शुभम और सहनपाल को निर्दोष बताया और कोर्ट में एफआर लगा दी।

वहीं दूसरी तरफ अमरीश को जिंदा बताकर जिला अस्पताल में रेफर करने का आरोप लगाते हुए चिकित्साधिकारी डॉ. मयंक सिंह को आपराधिक साजिश रचने का आरोपी बनाया। 

चिकित्साधिकारी  के अलावा मृतक के पिता और पुत्र पंकज सिंह को धोखाधड़ी का आरोपी बताया। सीएमओ डॉ. सुनील तेवतिया ने बताया कि फिलहाल वह मामले की विभागिय जांच कर रहे हैं और इस दौरान उन्होंने एसएसपी से भी बात की।

मामले की प्रथम दृष्टयता से लग रहा है कि चिकित्सक मंयक का कोई दोष नहीं है। वहीं, डॉ. मंयक का भी यही कहना है कि विभागीय जांच से सारा सच सामने आ जाएगा।

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