राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद स्पेशल प्रेजिडेंशियल ट्रेन से कानपुर के लिये रवाना, जानिये ट्रेन की खासियत और राष्ट्रपति का कार्यक्रम

डीएन ब्यूरो

राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद पदभार स्‍पेशल प्रेजिडेंशियल ट्रेन से दिल्‍ली के सफदरगंज रेलवे स्‍टेशन से कानपुर के लिये रवाना हो गये हैं। राष्ट्रपति का पदभार संभालने के बाद संभालने के बाद रामनाथ कोविंद पहली बार कानपुर जिले में अपने पैतृक गांव परौंख जा रहे हैं। पढिये पूरी रिपोर्ट

स्पेशल प्रेजिडेंशियल ट्रेन में सवार होने से पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद
स्पेशल प्रेजिडेंशियल ट्रेन में सवार होने से पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद


नई दिल्ली: राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद पदभार स्‍पेशल प्रेजिडेंशियल ट्रेन से दिल्‍ली के सफदरगंज रेलवे स्‍टेशन से कानपुर के लिये रवाना हो गये हैं। राष्ट्रपति का पदभार संभालने के बाद रामनाथ कोविंद पहली बार कानपुर जिले में अपने पैतृक गांव परौंख जा रहे हैं। राष्ट्रपति कानपुर पहुंचकर कई कार्यक्रमों में शिरकत करेंगे। वह अपने स्कूली दोस्‍तों और पुराने दिनों के मित्रों से मिलने के लिए वह दो जगह- झींझक और रूरा (कानपुर देहात) रुकेंगे। इसके अलावा वह समाजसेवा के शुरुआती दिनों के अपने पुराने परिचितों के साथ मुलाकात करेंगे। गौरतलब है कि 15 साल के अंतराल के बाद कोई निवर्तमान राष्ट्रपति ट्रेन में सफर कर रहा है।

राष्‍ट्रपति कोविंद रास्‍ते में अपने मित्रों से मिलने के बाद आज शाम को कानपुर पहुंचेंगे और अगले दिन यानि कल अपने पुराने परिचितों से मिलेंगे। इसके बाद राष्‍ट्रपति अपने पैतृक गांव परौंख और कस्‍बा पुखरायां हेलिकॉप्‍टर के जरिए जाएंगे। राष्‍ट्रपति के पैतृत गांव में 27 जून को उनके सम्‍मान में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। वहां से 27 को ही वह वापस कानपुर आ जाएंगे। यहां रात में रुकने के बाद 28 जून की सुबह वह अपनी खास प्रेजिडेंशियल ट्रेन से लखनऊ के लिए रवाना होंगे। लखनऊ में वह दो दिन रुक कर 29 जून की शाम को एयरफोर्स के विमान से दिल्‍ली पहुंचेंगे।

राष्ट्रपति भवन की ओर से बुधवार को जारी एक बयान में कहा गया है कि राष्ट्रपति बनने के बाद कोविंद की अपने जन्मस्थान की यह पहली यात्रा होगी। हालांकि वह पहले भी यात्रा करना चाहते थे, लेकिन कोरोना वायरस महामारी के चलते ऐसा नहीं हो सका।

राष्ट्रपति भवन के मुताबिक कोविंद 25 जून को दिल्ली के सफदरजंग रेलवे स्टेशन से विशेष ट्रेन से कानपुर के लिये रवाना होने के बाद राष्ट्रपति की यह ट्रेन कानपुर देहात के झिंझक और रुरा दो जगह रुकेगी, जहां राष्ट्रपति स्कूल के दिनों और समाजसेवा के शुरुआती दिनों के अपने पुराने परिचितों से मुखातिब होंगे। बयान के अनुसार ये दोनों जगह कानपुर देहात में राष्ट्रपति के जन्मस्थान परौंख गांव के पास हैं। यहां 27 जून को उनके सम्मान में दो समारोहों का आयोजन किया जाएगा। जहां से वह लखनऊ के लिये रवाना होंगे। लखनऊ में वह दो दिन रुक कर 29 जून की शाम को एयरफोर्स के विमान से दिल्‍ली पहुंचेंगे।

15 वर्षों बाद देश को कोई राष्‍ट्रपति ट्रेन से सफर कर रहा है। इससे पहले राष्‍ट्रपति अब्‍दुल कलाम साल 2006 में इंडियन मिलिटरी अकैडमी की पासिंग आउट परेड में हिस्‍सा लेने के लिए दिल्‍ली से देहरादून गए थे। देश के पहले राष्‍ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद भी अकसर ट्रेन यात्रा करते थे। राष्‍ट्रपति बनने के बाद वह बिहार के सीवान जिले में स्थित अपने पैतृक गांव जीरादेई गए थे। उन्‍होंने छपरा से जीरादेई के लिए स्‍पेशल प्रेजिडेंशियल ट्रेन पकड़ी और वहां तीन दिन रहे।










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